भारतीय क्रिकेट टीम लंबे टी-20 सीजन से आ रही हैं और उसे अब आगे ज़्यादातर टेस्ट मैच ही खेलने हैं। भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज अनिल कुंबले अब टीम इंडिया के हेड कोच बन चुके है और उनके लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं होगा, क्योंकि अगले एक साल में 17 टेस्ट मैच खेलने हैं। अब टीम का सारा ध्यान टी-20 से उठकर टेस्ट मैच पर आ गया है। टेस्ट क्रिकेट का भविष्य क्या होगा, यह किसी को नहीं पता, लेकिन मौजूदा क्रिकेटर्स के लिए यह फॉर्मेट सबसे ऊपर है। टीम इंडिया चार टेस्ट मैच की सीरीज खेलने के लिए वेस्टइंडीज गई हुई है और इस सीरीज का पहला मैच 21 जुलाई को एंटीगुआ में खेला जाएगा। टीम इंडिया के विदेश में प्रदर्शन को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं और इस बार भी हालत कुछ अलग नहीं है। टीम के पास अब नया कोच है और टीम के कप्तान को भी कप्तानी करते हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है, तो यह खिलाड़ियों के पास अच्छा मौका है, अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए। आइये नज़र डालते हैं उन 5 क्रिकेटर्स पर, जिनके लिए यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण होगी। 1- शिखर धवन 30 वर्षीय शिखर धवन भारत के लिए किस गुत्थी से कम नहीं है। साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 174 गेंदों में 187 रन बनाकर करियर की शुरुआत करने वाले धवन ने उस प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और यह भी तय किया कि चयनकर्ता उन्हें कभी भी भूल नहीं सकते। उसके बाद उन्होंने इस प्रदर्शन को दोनों वनडे और टी-20 में भी दोहराया। हालांकि डेब्यू के दो साल बाद भी वो खुद को टेस्ट बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित नहीं कर पाए और 2014-15 में हुए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे में इनका प्रदर्शन काफी खराब रहा, उसके बाद उनकी तकनीक और टेम्परामेंट की काफी आलोंचना हुई थी। लेकिन टीम मैनेजमेंट का भरोसा हमेशा ही उनके ऊपर बना रहा और बीच में वो अच्छा करते हुए, टीम के फैसले को सही भी साबित करते हैं, लेकिन उनमे निरंतरता की बहुत कमी है। आगामी वेस्टइंडीज दौरे में उन्हें ओपनिंग पोजीशन के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है, अगर उन्हें यह जगह मिलती है तो उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। 2- लोकेश राहुल 24 वर्षीय कर्नाटक के यह खिलाड़ी चाहेंगे कि टीम के सीनियर प्लेयर शुरुआती मैच में संघर्ष करे, ताकि उन्हें टीम में मौका मिल पाए। राहुल ने बहुत कम समय में ही अपनी छाप हर जगह छोड़ दी है, फिर चाहे वो आईपीएल सीजन 9 हो या ज़िम्बाब्वे का दौरा, उन्होंने दोनों जगह काफी प्रभावित किया था। उनके लिए जो चीज सबसे फ़ायदेमंद है कि वो ये कि राहुल टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उपयुक्त बल्लेबाज़ हैं और उन्होंने इसे साबित भी किया है और उनकी मजबूती के लिए वो विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं। उन्हें बस एक दो अच्छ पारियों की जरुरत है, ताकि वो साबित कर सके कि वो इस लेवल पर भी अच्छा कर सकते हैं। 3- रविचंद्रन अश्विन 29 वर्षीय चेन्नई के इस खिलाड़ी के लिए वेस्ट इंडीज दौरा किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अश्विन टेस्ट में अब तक 5 बार मैन ऑफ द सीरीज जीत चुके है और उनकी जगह भी टीम में पक्की हैं। वो आईसीसी की टेस्ट ऑल राउंडर की लिस्ट में सबसे ऊपर है, तो बॉलिंग में भी वो दूसरे नंबर आते हैं। हालांकि अश्विन के लिए हमेशा ही एक बात कही जाती है कि वो सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में ही अच्छा करते हैं और एशिया के बाहर वो काफी साधारण गेंदबाज बन जाते हैं। यह एक ऐसा टैग है, जिसे कि वो इस सीरीज में अपने ऊपर से हटाना चाहेंगे। 4- अमित मिश्रा दिल्ली के 32 वर्षीय गेंदबाज के लिए करो या मारो की सीरीज है। मिश्रा पिछले कई सालों से टीम में अंदर बाहर होते रहे हैं, लेकिन इससे अच्छा मौका उन्हें कभी नहीं मिल सकता। मिश्रा के लिए उम्र चिंता का विषय नहीं होनी चाहिए, क्योंकि लेग स्पिनर्स काफी लंबे समय तक खेलते हैं। उनका ध्यान सिर्फ अपने प्रदर्शन पर होना चाहिए, ताकि वो सबको यह बात साबित कर सके कि वो एक मैच विनर हैं। अनिल कुंबले के कोच बनने से उन्हें काफी फायदा होगा और वो भारत के सबसे अच्छे लेग स्पिनर बनना चाहेंगे। उनके लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना एक बड़ी चुनौती होगी, हालांकि अभ्यास मैच में उनके प्रदर्शन को देखते हुए। पहले टेस्ट में उनका चुना जाना तय हैं। 5- मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के 26 वर्षीय गेंदबाज भी उसी परेशानी से गुजरकर आ रहे है, जोकि देश के बाकी गेंदबाजों ने भी झेली हुई हैं और वो हैं खुद को फिट रखने की। अपने शुरुआती दौर में शमी ने टेस्ट क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से सबको काफी प्रभावित किया, लेकिन उसके बाद उनके घुटने में तकलीफ शुरू हो गई और उन्हें उसकी सर्जरी भी करानी पड़ी। शमी को पहले अपने आप को फिट साबित करना होगा, क्योंकि अगर वो 100 प्रतिशत फिट है , तो ही वो पूरी लय से गेंद कर सकते हैं। भारत सिर्फ दो ही सीमर्स के साथ जाने का मन बना रही है, तो उनको विकेट लेने के लिए थोड़ा और ज़ोर लगाना होगा। अगर वो अपने आप को फिट रख पाते है, तो वो टेस्ट में काफी अच्छा कर सकते थे।