30 वर्षीय शिखर धवन भारत के लिए किस गुत्थी से कम नहीं है। साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 174 गेंदों में 187 रन बनाकर करियर की शुरुआत करने वाले धवन ने उस प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और यह भी तय किया कि चयनकर्ता उन्हें कभी भी भूल नहीं सकते। उसके बाद उन्होंने इस प्रदर्शन को दोनों वनडे और टी-20 में भी दोहराया। हालांकि डेब्यू के दो साल बाद भी वो खुद को टेस्ट बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित नहीं कर पाए और 2014-15 में हुए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे में इनका प्रदर्शन काफी खराब रहा, उसके बाद उनकी तकनीक और टेम्परामेंट की काफी आलोंचना हुई थी। लेकिन टीम मैनेजमेंट का भरोसा हमेशा ही उनके ऊपर बना रहा और बीच में वो अच्छा करते हुए, टीम के फैसले को सही भी साबित करते हैं, लेकिन उनमे निरंतरता की बहुत कमी है। आगामी वेस्टइंडीज दौरे में उन्हें ओपनिंग पोजीशन के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है, अगर उन्हें यह जगह मिलती है तो उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।