Ad
दिल्ली के 32 वर्षीय गेंदबाज के लिए करो या मारो की सीरीज है। मिश्रा पिछले कई सालों से टीम में अंदर बाहर होते रहे हैं, लेकिन इससे अच्छा मौका उन्हें कभी नहीं मिल सकता। मिश्रा के लिए उम्र चिंता का विषय नहीं होनी चाहिए, क्योंकि लेग स्पिनर्स काफी लंबे समय तक खेलते हैं। उनका ध्यान सिर्फ अपने प्रदर्शन पर होना चाहिए, ताकि वो सबको यह बात साबित कर सके कि वो एक मैच विनर हैं। अनिल कुंबले के कोच बनने से उन्हें काफी फायदा होगा और वो भारत के सबसे अच्छे लेग स्पिनर बनना चाहेंगे। उनके लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना एक बड़ी चुनौती होगी, हालांकि अभ्यास मैच में उनके प्रदर्शन को देखते हुए। पहले टेस्ट में उनका चुना जाना तय हैं।
Edited by Staff Editor