विराट सेना से भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को इंग्लैंड के पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज़ करने की अपेक्षा थी लेकिन मेज़बान टीम की मजबूत गेंदबाजी लाइन-अप के सामने भारतीय खिलाड़ी संघर्ष करते दिखे और भारत को यह श्रृंखला 1-4 से गँवानी पड़ी। ऐसे में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाने पर विचार करना होगा। दिसंबर में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ खेलनी है और इस सीरीज़ को ध्यान में रखते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका देना चाहिए। ऐसे में कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों को बाहर बैठना पड़ सकता है। इस लेख में हम उन 3 खिलाड़ियों पर नज़र डालेंगे जिन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है: शिखर धवन भारत के इंग्लैंड दौरे पर धवन ने शुरूआती दौर में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन टेस्ट सीरीज़ तक आते-आते उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आती गई। मुरली विजय और फिर केएल राहुल के साथ मिल कर वह टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में नाकाम रहे। बैंगलोर में अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में शानदार शतक जड़ कर उन्होंने अपनी फॉर्म का संकेत दिया था और इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई थी। हालाँकि, बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज़ ने टेस्ट सीरीज़ में आठ पारियों में 20.25 की औसत से केवल 162 रन बनाए। इसलिए, यह उचित होगा कि अब धवन की जगह पृथ्वी शॉ जैसे युवा प्रतिभाशाली बल्लेबाज को वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम में जगह दी जाये। हार्दिक पांड्या भारत के इंग्लैंड दौरे में हार्दिक पांड्या का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था और इसलिए अंतिम टेस्ट में उनकी जगह हनुमा विहारी को टीम में शामिल किया गया था। भारत के अगले 'कपिल देव' कहे जाने वाले पांड्या ने टेस्ट सीरीज़ में बल्ले और गेंद दोनों के साथ निराशाजनक प्रदर्शन किया है। उन्होंने सिर्फ तीसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट लिए और कुछ महत्वपूर्ण रन बनाए थे। आंकड़ों की बात करें तो पांड्या ने अपनी 8 पारियों में 23.42 की औसत से केवल 164 रन बनाए। वहीं, गेंद के साथ उन्होंने 10 विकेट लिए और 3.84 की इकोनॉमी रेट से रन दिए। ऐसे में, उनके प्रदर्शन को देखते हुए पांड्या की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज़ में मौका दिया जा सकता है। अजिंक्य रहाणे अजिंक्य रहाणे ने भी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में बल्ले से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। विदेशी परिस्थितियों में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले रहाणे ने बल्लेबाज़ी के दौरान कई गलतियां की जो आम तौर पर उनके स्तर के बल्लेबाज़ से हम अपेक्षा नहीं करते। उन्होंने अक्सर गलत शॉट्स खेलकर अपना विकेट गंवाया। आंकड़ों की बात करें तो अपने 5 टेस्ट मैचों की 10 पारियों में, रहाणे ने 25.70 की औसत से 257 रन बनाए। उन पर टीम इंडिया के मध्य क्रम को मज़बूती प्रदान करने की ज़िम्मेदारी थी लेकिन उनका लचर प्रदर्शन टीम की शर्मनाक हार का कारण बना। ऐसे में, राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को रहाणे की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टीम में शामिल करना चाहिए। फिलहाल रहाणे को घरेलू क्रिकेट खेलकर दोबारा फॉर्म में आने की कोशिश करनी चाहिए। लेखक: अमेय वैद्य अनुवादक: आशीष कुमार