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इस मुकाबले में कोई रोमांच नहीं था, क्योंकि पिच पूरी तरह बल्लेबाजों के लिए मददगार थी। यह मैच ड्रॉ रहा और दोनों टीमों ने बल्लेबाजी का भरपूर लुत्फ उठाया। हालांकि यह मैच अनिल कुंबले और उनके धैर्य व दृढ़ संकल्प के लिए हमेशा याद किया जाता है। लेग स्पिनर को मर्विन डिल्लन की बाउंसर लग गई थी, जिसके बाद उनके जबड़े से खून बहने लगा था। फिर उनके मुहं पर बैंडेज लगाई गई। हालांकि, इससे उनका ध्यान भटका नहीं और वह चेहरे पर पट्टी लगाकर खेलने उतरे। कुंबले ने लगातार 14 ओवर किए और ब्रायन लारा का विकेट भी लिया। विव रिचर्ड्स ने बाद में कहा, 'मैंने मैदान पर सर्वश्रेष्ठ बहादुरी कारनामों में से एक देखा।' अब सबको उम्मीद है कि वर्तमान भारतीय कोच अनिल कुंबले यही जज्बा खिलाड़ियों के अंदर पैदा करेंगे।
Edited by Staff Editor