भारतीय टीम में एक नया सितारा दस्तक दे चुका है, नाम है पृथ्वी शॉ। पहली बार पृथ्वी उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने मुम्बई की स्कूल टूर्नामेंट से हैरिस शील्ड में 546 रनों की पारी खेली थी। यह पारी उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की कुछ दिनों बाद ही खेली थी। उनकी एक पारी के बाद भारतीय क्रिकेट ने उनमें सचिन को देखना शुरू कर दिया।
पृथ्वी ने अपने टेस्ट डेब्यू के साथ ही उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ अपना नाम जोड़ लिया है। सचिन ने जब 1989 में टेस्ट डेब्यू किया था उस समय उनकी उम्र 16 साल 205 दिन थी। सचिन के डेब्यू के बाद पृथ्वी पहले भारतीय स्पेशलिस्ट बल्लेबाज होंगे जिसने 19 साल से कम की उम्र में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया है। पृथ्वी शॉ ने 18 साल और 329 दिन की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया।
हालाँकि, सचिन तेंदुलकर के बाद कई भारतीय खिलाड़ियों ने 19 साल से कम की उम्र में डेब्यू किया है। इसमें पार्थिव पटेल, इशांत शर्मा, हरभजन सिंह, पीयूष चावला जैसे नाम शामिल हैं लेकिन इनमें कोई भी खिलाड़ी स्पेशिलिस्ट बल्लेबाज नहीं है। हाँ, सचिन के डेब्यू से पहले दो स्पेशलिस्ट बल्लेबाज 19 साल से कम की उम्र में भारत के लिए डेब्यू कर चुके हैं। विजय मेहरा ने 1955 में 17 साल 265 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। उसके अलावा एजी मिल्खा सिंह ने 1960 में 18 साल और 13 दिन की उम्र में भारत के लिए टेस्ट मैच खेला था।
पृथ्वी और सचिन की समानता यहीं नहीं रूकती। सचिन ने अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी मैच में गुजरात के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। पृथ्वी ने भी अपने रणजी ट्रॉफी डेब्यू में तमिलनाडू के खिलाफ 121 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। सचिन ने दिलीप ट्रॉफी के पहले मैच में भी शतक लगाया था। पृथ्वी ने भी दिलीप ट्रॉफी के अपने पहले मैच में 154 रन बनाये थे।
क्रिकेट के बड़े दिग्गज भी पृथ्वी शॉ को सचिन तेंदुलकर बोल चुके हैं। कुछ समय पहले ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क वॉ ने कहा था कि पृथ्वी मुझे सचिन की याद दिलाते हैं। इसी साल की शुरुआत में हुए अंडर-19 विश्वकप में जब पृथ्वी ने स्ट्रेट ड्राइव खेला तो कमेंट्री कर रहे इयन बिशप ने कहा “डैट्स तेंदुलकर”। एक युवा बल्लेबाज के लिए इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती।
पृथ्वी अब भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने वाले 293वें खिलाड़ी बन चुके हैं। भारतीय क्रिकेट के फैंस ने उन्हें अभी से तेंदुलकर मानना शुरू कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या यह युवा बल्लेबाज सचिन की तरह छाप छोड़ पता है या नहीं।