आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के हिस्सा नहीं लेने की अफवाह वाली रिपोर्ट्स पर चार सदस्यीय प्रशासक पैनल के अध्यक्ष विनोद राय ने विराम लगाते हुए पुष्टि की है कि जून में होने वाले इस टूर्नामेंट में विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम हिस्सा लेगी। बैंगलोर मिरर से बातचीत में विनोद राय ने कहा, 'मैं अफवाहों पर कोई टिपण्णी नहीं कर सकता। बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी से क्यों बाहर होगा? क्यों? भारतीय जनता नहीं चाहती कि हम टूर्नामेंट में हिस्सा ले? हर कोई कह रहा है कि हम चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। क्या यह सच है? क्या वाकई हम पीछे हट रहे है? वो दिन गए जब हम डर की वजह से दूर हो जाते थे।' भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का भारत में सुप्रीम कोर्ट के साथ कानूनी विवाद चल रहा है है और दुबई में होने आईसीसी की बैठक से बिग-3 को हटाने के बाद रिपोर्ट्स आ रही है कि बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी टीम को नहीं भेजेगा क्योंकि उसका आर्थिक ढांचा बिगड़ जाएगा। भले ही यह सिर्फ अफवाह थी कि बीसीसीआई का इरादा चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का है, यह आम बात है कि आईसीसी की वित्तीय व्यवस्था पर इसका बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन बिग-थ्रीम मॉडल को बदलने के लिए नया राजस्व-बंटवारा आईडिया से जोड़ना होगा। राय ने स्वीकार किया कि बीसीसीआई ने आईसीसी से तीन से चार महीनों का समय मांगा है और उन्हें जून में होने वाली वार्षिक कांफ्रेंस में वोट देने के लिए भी पूछा है। उनका साथ ही मानना है कि आईसीसी उनकी इस गुजारिश को मान लेगी। राय ने बात से समर्थता जताई है कि आईसीसी में भारत 'सबसे बड़ा राजस्व-मोड़ने वाला' देश है और उनका मानना है कि भारत लंबे समय के फायदे को ध्यान में रखते हुए छोटे समय के नुकसान को झेलने के लिए तैयार है, जिसके लिए उसे अलग नहीं किया जाएगा। उन्होंने साथ ही समर्थता जताई कि जब 2014 और 2016 में राजस्व मॉडल आया था तो उसमें संशोधन करने के लिए सभी तैयार थे।