भारत की अंडर-19 टीम ने रिकॉर्ड चौथी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। टीम के लिए इस वर्ल्ड कप में जीत का सफ़र शानदार रहा है। पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने अपना दबदबा क़ायम रखा और हर मैच में जीत हासिल की।
इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने जो मैच खेले हैं उनमें जीत का फ़ासला काफ़ी बड़ा है जो ये बताता है कि युवा टीम इंडिया कितनी मज़बूत है। इस टीम ने न सिर्फ़ भारतीय फ़ैस का बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता है।
इन चैंपियन खिलाड़ियों के साथ-साथ एक शख़्स ऐसा भी है जिसका इस जीत में काफ़ी बड़ा योगदान रहा है, वो हैं अंडर-19 टीम इंडिया के हेड कोच और मेंटर राहुल द्रविड़। अगर युवा टीम इंडिया चौथी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती है तो इसके लिए राहुल द्रविड़ की जितनी तारीफ़ की जाए वो कम है। द्रविड़ ने ये सुनिश्चित किया है कि इन युवा खिलाड़ियों का विकास न सिर्फ़ एक अच्छे क्रिकेटर के तौर पर बल्कि एक अच्छे इंसान के रूप में भी हो।
टीम इंडिया की ‘दीवार’ द्रविड़ का जो क्रिकेट के प्रति जुनून है उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता। बीसीसीआई ने द्रविड़ को अंडर-19 का कोच बनाने का जो फ़ैसला किया था वो सही साबित हुआ। द्रविड़ की मेहनत रंग लाई, अब यही युवा खिलाड़ी एक दिन सीनियर टीम इंडिया में नज़र आ सकते हैं। द्रविड़ ने खिलाड़ियों जिन मूल्यों पर बने रहने की नसीहत दी है वो ता उम्र इनके साथ रहेगी और खिलाड़ियों के करियर में सदा काम आएगी।
पूरे अंडर-19 वर्ल्ड कप 2018 में द्रविड़ का प्रभाव पूरी टीम इंडिया पर रहा था। हम यहां उन 4 प्रभावों पर चर्चा करने जा रहे हैं।