#2 अनुशासन
क्रिकेट में अनुशासन के दो मायने हो सकते हैं। पहला ये कि किस तरह अनुशासित तरीके से कोई खिलाड़ी मैदान में खेलता है, मसलन कोई खिलाड़ी किस तरह बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करता है और अपना विकेट बचाए रखता है। अनुशासन का एक और भी अर्थ है, वो ये कि एक खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान में बर्ताव कैसा होता है, मसलन वो अपने टीम के खिलाड़ियों, विपक्षी खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों से कैसे बातचीत करता है। द्रविड़ के स्वभाव में ये दोनों तरह का अनुशासन देखा गया था। द्रविड़ हमेशा अपने विकेट को बचाए रखने की कोशिश करते थे, वो कभी भी, किसी भी शख़्स से मैदान में बुरा बर्ताव नहीं करते देखे गए हैं। द्रविड़ के अंतरराष्ट्रीय करियर से सीख लेते हुए युवा भारतीय खिलाड़ियों ने अपने खेल में काफ़ी निखार लाया है। यही वजह है कि किसी भी विपक्षी खिलाड़ी के लिए टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी का विकेट निकालना बेहद मुश्किल हो गया था। इसके अलावा पूरे टूर्नामेंट में गेंदबाज़ों ने सही रणनीति के साथ गेंदबाज़ी की थी और रन को आसानी से बनने से रोका था। इन सब के साथ-साथ टीम के खिलाड़ियों का मैदान में बर्ताव सभी के लिए आर्दश था।