# 3 ख़ुदग़र्जी से बच कर रहना
वर्ल्ड कप जैसे किसी भी बड़े टूर्नामेंट में अगर अच्छा प्रदर्शन करना है तो पूरी टीम को मिलकर काम करना पड़ता ताकि बड़ा लक्ष्य हासिल हो सके। युवा खिलाड़ियों के यही सीख कोच राहुल द्रविड़ ने की थी। इन खिलाड़ियों को जिस तरह का अंतरराष्ट्रीय तजुर्बा इस वर्ल्ड कप मिला है वो इनके खेल में काफ़ी निखार लाएगा। अंडर-19 वर्ल्ड कप में सभी खिलाड़ियों को अपने हुनर को पेश करने का पूरा मौक़ा मिला है। यही वजह रही कि वो अंतरराष्ट्रीय दर्शकों, आईपीएल टीम के मालिकों और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नज़र में आए। कई बार ऐसा होता है कि चर्चा में आने के लिए कई खिलाड़ी टीम के लिए न खेलकर ख़ुद के लिए खेलना शुरू कर देते हैं, जिसका असर नतीजों पर पड़ता है। लेकिन द्रविड़ ने ये सुनिश्चित किया कि हर खिलाड़ी एक ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करें, और वो लक्ष्य था चैंपियन बनने का। हर खिलाड़ियों में एक दूसरे के बीच जो सम्मान देखने को मिला वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ था। द्रविड़ ने एक चैंपियन टीम तैयार करने में बड़ा योगदान दिया है।