भारतीय टीम ज़िम्बाब्वे दौरे पर जीत हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत शनिवार को हरारे में तीन मैच की सीरीज़ का पहला मैच खेलेगा। जबकि इन दो टीमों के बीच पिछली दो सीरीज़ एकतरफा रही थी। हो सकता है कि इस सीरीज़ का नतीजा पिछली दो सीरीज़ों के नतीजों से कुछ जुदा हो और उसका मुख्य कारण भारत के सभी अनुभवी खिलाड़ियों की जगह युवा खिलाड़ियों को मौका देना है। इन दोनों टीमों के बीच इससे पहले हुए मुकाबलों में हमें कुछ बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिले थे। अगर इन दोनों टीमों के बीच आंकड़ा देखा जाए तो बल्लेबाज़ी में सचिन तेंदुलकर ने सबसे अधिक 49.00 की औसत से 1377 रन बनाए हैं, वहीं गेंदबाज़ी में अजीत अगरकर ने दोनों टीमों के बीच हुए 26 मुकाबलों में सबसे ज़्यादा 47 विकेट झटके हैं। ये हैं भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच कुछ रोमांचक तथ्य हैं जो आपको सच में हैरान कर देंगे। #1 एक ऐसा मैदान जहां कपिल देव ने बनाए 175 रन, उसके बाद आज तक उस मैदान पर कोई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हुआ। अधिकतर क्रिकेट समर्थक ये जानते हैं कि कपिल देव ने जिस वर्ल्ड कप मैच में ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध 175 रन बनाए थे, बीबीसी की स्ट्राइक होने के कारण उस मैच की ज़्यादा तस्वीरें नहीं हैं। आपको बता दें कि उस मैदान को मारकस ऑफ एबरगैवेन्नी के नाम से जाना जाता है। जिसपर 1983 में वर्ल्डकप की आज तक की सबसे धुआंधार बल्लेबाज़ी देखने को मिली थी। देखा जाए तो क्षमता के आधार पर इस मैदान में 4000 हज़ार से ज़्यादा लोग नहीं बैठ सकते। इतनी कम क्षमता होने के कारण अब इस मैदान पर मैच होना असंभव है क्योंकि जिस तरह से समर्थक मैच देखने आते हैं वो कम से कम 20-25 हज़ार की संख्या में होते हैं।#2 भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच 2 टाई वनडे मैच खेले गए हैं इन दोनों देशों के बीच 2 टाइ मैच हो चुके हैं और इसके साथ साथ दो मैच ऐसे भी हुए हैं जिनमें एक विकेट से टीम को जीत हासिल हुई हो। पहला टाई 1993 में इंदौर में हुआ था जिसमें मनोज प्रभाकर ने 91 रन बनाए थे और दो विकेट भी झटके थे। मैच के आखिर में अपना तीसरा मैच खेल रहे हीथ स्ट्रीक भाग कर 2 रन पूरा करने में नाकाम रह गए थे और ये मुक़ाबला एक टाई पर आकार खत्म हुआ था। ठीक 4 साल बाद दोनों टीमों ने पार्ल पर एक और मैच टाई किया। इस मैच में रॉबिन सिंह ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को जीत के मुंह तक पहुंचा दिया पर आख़िरी गेंद पर वेंकटेश प्रसाद की ग़लती के कारण रॉबिन को रन आउट होना पड़ा और उसके बाद गेंद के वाइड होने के कारण भारत वो मैच टाई करने में कामयाब रहा था।#3 भारत की तरफ से सबसे तेज़ लगा अर्धशतक भी ज़िम्बाब्वे के खिलाफ आया 5 मैचों की सीरीज़ में भारत 3-1 से आगे चल रहा था। चौथा मैच राजकोट में खेला गया। अजीत अगरकर इस मैच को हल्के में नहीं लेना चाहते थे। मैच के 44वें ओवर मे बल्लेबाज़ी करने आए अगरकर ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की और टीम को 216 के स्कोर से खींच कर आगे ले गए। कपिल देव के 17 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अगरकर ने 21 गेंदों में अर्धशतक जड़ दिया। अगरकर ने 25 गेंदों में नाबाद 67 रन बनाए और टीम को 300 के आंकड़े के पार पहुंचा दिया। इसके बाद गेंदबाज़ी करते हुए अगरकर ने तीन विकेट भी झटके और बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन दिखाया। #4 वनडे के इतिहास में सबसे ज़्यादा अतिरिक्त भारत और ज़िम्बाब्वे के मैच से ही आए साल 1999 में भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच लीसेस्टर में खेले गए मुक़ाबले में कुल मिलाकर 90 अतिरिक्त रन दिये गए थे। इस मैच के अंपायर डेव और्चड और पीटर विले थे जो लगातार अतिरिक्त के कारण इशारा करने में व्यस्त थे। भारत ने इस मैच में नए ड्यूक बॉल की वजह से 51 अतिरिक्त दिये थे जिनमें 21 वाइड और 16 नो बॉल थीं। भारत की तरह ही ज़िम्बाब्वे ने भी कुल 39 अतिरिक्त दिये जिनमें 26 वाइड और 10 नो बॉल थीं। मज़े की बात तो ये है कि ये रिकॉर्ड ज़्यादा दिन नहीं टिका और अगले ही दिन पाकिस्तान और स्कॉटलैंड ने चेस्टर ली स्ट्रीट में इसे तोड़ते हुए 96 अतिरिक्त रन दे दिये।#5 ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध एक सीरीज़ में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने अमित मिश्रा साल 2013 में विराट कोहली कि अगुआई में ज़िम्बाब्वे दौरे पर गई भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। अपने गेंदबाज़ी से सबको चौंकाते हुए अमित मिश्रा ने इस सीरीज़ मे 18 विकेट लिए और एक नया कीर्तिमान बनाया। इन 18 विकेट के साथ मिश्रा ने एक सीरीज़ में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले जवागल श्रीनाथ के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। फर्क बस ये है कि श्रीनाथ ने 18 विकेट न्यूजीलैंड के विरुद्ध 7 मैचों में लिया था और मिश्रा ने ये कारनामा 5 मैचों में ही कर दिखाया।#6 अनुभव के मामले में धोनी और उनकी टीम के बीच ये आसमान-ज़मीन का अंतर ज़िम्बाब्वे दौरे पर धोनी सबसे कम अनुभव वाली टीम को लेकर गए हैं। देखा जाये तो इस टीम के सभी खिलाड़ी युवा हैं और किसी के पास ज़्यादा अनुभव भी नहीं है। आंकड़े देखे तो धोनी ने कुल 275 वनडे और 68 टी-20 मैच खेले हैं, वहीं अगर धोनी के मुक़ाबले टीम के 15 दूसरे खिलाड़ियों के आकड़ों को एक साथ मिला दिया जाए तो मात्र 83 वनडे और 28 टी-20 ही खेल पाये हैं ये खिलाड़ी। धोनी के बाद अगर इस टीम में कोई अनुभवी खिलाड़ी है तो वो हैं अंबती रायडू जिन्होंने धोनी के बाद सबसे ज़्यादा 31 वनडे मैच खेले हैं।