रैंकिंग में लम्बे समय तक शीर्ष पर काबिज रहने वाले 5 भारतीय बल्लेबाज़

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जब भी भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा कर रही होती है। उसमें विराट कोहली का योगदान टीम के मुकाबले ज्यादा होता है। जैसाकि न्यूज़ीलैंड के साथ जारी सीरीज में देखा जा सकता है। भारत ने इस सीरीज में 2 मैच जीते हैं और 2 में टीम को हार मिली है। इस सीरीज में कोहली ने अबतक 85, 17, 154 और 45 रन बनाये हैं। चर्चा ये भ होने लगी है कि टीम पूरी तरह से कोहली पर निर्भर हो गयी है। हालाँकि कोहली आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर बरकरार हैं। वनडे में वह एबी डिविलियर्स के बाद और टी-20 में कोहली 820 अंकों के साथ शीर्ष पर हैं। उनके लिए ये साल काफी शानदार रहा है। अगर रिकॉर्ड की बात करें तो गुंडप्पा विश्वनाथ पहले भारतीय बल्लेबाज़ थे, जो रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे थे। इस लेख के जरिये हम ऐसे भारतीय बल्लेबाजों के बारे में आपको बता रहे हैं, जो रैंकिंग में लम्बे समय तक शीर्ष पर विराजमान रह चुके हैं: गुंडप्पा विश्वनाथ (फरवरी 1975 से नवम्बर 1975) कर्नाटक के कलाई के बल्लेबाज़ पहले भारतीय थे जो रैंकिंग पर शीर्ष पर आये और लम्बे समय तक विराजमान रहे। विश्वनाथ ने ग्लेन टर्नर को हटाकर 20 फरवरी 1975 में शीर्ष स्थान हासिल किया था। वह 28 नवम्बर 1975 तक शीर्ष पर रहे। उन्हें विंडीज के बल्लेबाज़ एल्विन कालीचरण ने रिप्लेस किया था। अपने 14 साल के करियर में विश्वनाथ भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी बने रहे। उनकी बल्लेबाज़ी किसी कविता से कम नहीं थे। उनकी फॉर्म बहुत कम ही खराब हुई थी। वह लगातार बेहतरीन खेल दिखाते रहे थे। विश्वनाथ ने 91 टेस्ट मैचों में 6080 रन बनाये थे। उनका उच्च स्कोर 222 रन था। उन्होंने 25 वनडे भी खेले थे, जहाँ उन्होंने 19 के औसत से 439 रन बनाये थे। राहुल द्रविड़ (मई 2004 से मार्च 2005 तक) कर्नाटक के एक और बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ ने दो बार शीर्ष रैंकिंग हासिल की। लेकिन दूसरी बार ज्यादा लम्बे समय तक रहे। मई 2004 से मार्च 2005 तक वह शीर्ष पर विराजमान रहे। टेस्ट और वनडे में द्रविड़ भारतीय टीम के अहम बल्लेबाज़ थे। वह अक्सर टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकालने में कामयाब रहे थे। 1996 में डेब्यू करने के बाद द्रविड़ ने साल 2012 में संन्यास लिया। इस दौरान उन्होंने वनडे में 10889 रन बनाये थे। साथ ही टेस्ट में तकरीबन 52 के औसत से 164 मैचों में 13,288 रन बनाये थे। दिलीप वेंगसकर (दिसम्बर 1987 से नवम्बर 1988 तक) दिलीप वेंगसकर दुनिया के पहले बल्लेबाज़ थे, जो नई रैंकिंग सिस्टम के तहत शीर्ष पर विराजमान हुए थे। तकरीबन दो साल बाद दिलीप वेंगसकर ने 26 वर्ष की उम्र में शीर्ष रैंकिंग हासिल की थी। 1986 इस मुंबई के बल्लेबाज़ के लिए काफी बेहतरीन साल था। दिलीप यहीं नहीं रुके वह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे 1987 में हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में उन्होंने अच्छा खेल दिखाते हुए एलन बॉर्डर शीर्ष स्थान से हटाकर पहली रैंक हासिल की। 11 महीने बाद जावेद मियांदाद ने फिर दिलीप को रिप्लेस किया। सुनील गावस्कर (दिसम्बर 1978 से जून 1980 तक) सुनील गावस्कर दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हैं। 1 दिसम्बर सन 1978 में सुनील गावस्कर पहली बार विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंचे थे। उन्होंने विवियन रिचर्ड्स को हटाकर ये स्थान हासिल किया था। जो वर्ल्ड सीरीज में बिजी थे। सन 1980 में रिचर्ड्स ने दोबारा ये स्थान हासिल कर लिया। उसके बाद गावस्कर कभी भी नम्बर एक खिलाड़ी नहीं बन पाए। मुंबई के इस बल्लेबाज़ ने 1971 से 1987 तक क्रिकेट खेली जिसमें टेस्ट में 10 हजार से ज्यादा और 108 वनडे में 3092 रन बनाये थे। वह भारत के महान बल्लेबाजों में से एक हैं। उनका रिकॉर्ड बाद में सचिन ने तोड़ा था। सचिन तेंदुलकर (मार्च 1998 से अगस्त 2002 तक) सचिन तेंदुलकर 18 नवम्बर 1994 में शीर्ष स्थान पर काबिज हुए थे। वह इस स्थान पर 8 महीने बरकरार रहे। उसके बाद सचिन 1998 में शीर्ष पर आये और लम्बे समय तक इस स्थान पर बरकरार रहे। सचिन 2002 तक इस शीर्ष पर रहे उन्हें लारा ने रिप्लेस किया। साल 2008 में सचिन एक बार फिर शीर्ष पर कायम हुए। क्रिकेट के इतिहास इससे पहले डॉन ब्रेडमैन, गैरी सोबर्स और जैक होब्स ही ऐसे खिलाड़ी रहे जो शीर्ष पर इतने लम्बे समय पर रहे। उनके बाद सचिन का नाम ही आता है। सचिन ने वनडे में 18426 और टेस्ट में 15921 रन बनाये थे। साथ ही उनके नाम 100 शतक भी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में दर्ज हैं।