भारत में टेस्ट सीरीज के लिए आजकल सबका ध्यान पिचों पर होता है। इसके लिए दो ही विचार दिमाग में होते हैं। पहला यह कि भारत को अपने मजबूत पक्ष स्पिन को खेलने की कला के लिए स्पिन गेंदबाजों को मददगार पिचें बनानी चाहिए, दूसरा यह कि दोनों टीमों के जीतने के अवसरों को बनाए रखने के लिए भारत को तटस्थ पिचें बनानी चाहिए। एक बात पर आम सहमति यह बनी है कि भारत में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीजों में बनी पिचें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज वाली पिचों से अधिक खेलने लायक है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनी पिचों के बारे में काफी बातें उठी थी। हालांकि भारतीय स्पिनर यहां की पिचों पर अच्छी गेंदबाजी करते रहे हैं लेकिन इस बार इंग्लैंड के स्पिनर भी अच्छी स्पिन कर रहे हैं। मौजूदा पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में अब तक हुए तीन मैचों में इंग्लैंड के स्पिनर आदिल रशीद सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में पहले नंबर पर है। शायद यही कारण है कि भारतीय बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ भारतीय बल्लेबाजों को एक अलग तरह का अभ्यास करवा रहे हैं। चौथे टेस्ट से तीन दिन पहले बीसीसीआई ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें बांगड़ अलग-अलग रंग की रबड़ की गेंदों के साथ प्रेक्टिस करा रहे हैं।
इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि अलग-अलग रंग की रबर की गेंदों को अलग शॉट के लिए काम में लिया गया है, तथा रबड़ की गेंद प्रयोग इसलिए की गई है क्योंकि यह गेंद बाउंस अधिक करती है, भारतीय बल्लेबाजों को उछाल भरी गेंदें खेलने का अच्छा अभ्यास होगा। संजय बांगड ने रबड़ की गेंद अभ्यास के लिए इस्तेमाल करने के पीछे कुछ कारण बताए, वो इस प्रकार है: लाल: गेंद ओवर पिच होगी। बल्लेबाज को फ्रंट फुट पर पैर आगे करते हुए गेंद की पिच तक पहुंचकर हल्के हाथों से स्पिन और बाउन्स को खेलना है। नीली: आगे बढ़कर मिड ऑफ की तरफ खेलना है। पीली: अलग-अलग फुटवर्क से ऑन ड्राइव खेलना। नारंगी: गेंद छोटी होगी इसलिए रक्षात्मक खेलना कठिन होगा, बल्लेबाज को घुटने के बल नीचे झुककर स्वीप खेलना है। हरी: गेंद की पिच तक पहुंचकर शॉट को हवा में खेलना।