भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगर की कोचिंग स्टाफ से छुट्टी हो सकती है, जबकि गेंदबाजी कोच भरत अरुण अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं। बल्लेबाजी कोच बांगर मध्यक्रम को स्थापित करने में नाकाम रहे हैं। विश्व कप के अहम मुकाबले में भी भारतीय मध्यक्रम लड़खड़ा गया था।
वेस्टइंडीज दौरे के बाद नया कोचिंग स्टाफ आएगा। बीसीसीआई ने कोचिंग स्टाफ के आवेदन के लिए, अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दिशा निर्देश जारी किये हैं। कपिल देव की अध्यक्षता वाली नई क्रिकेट सलाहकार समिति मुख्य कोच के बारे में फैसला लेगी। चयनकर्ताओं को सहयोगी स्टाफ के लिए इंटरव्यू लेने को कहा गया है।
करीबी सूत्रों की मानें तो भरत अरुण का रहना तय माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ समय मे खेल के सभी प्रारूपों में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा है।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने इस बारे में बताया, "पिछले 18 से 20 महीने में भरत अरुण ने बहुत अच्छा काम किया है । मौजूदा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ रहा है। मोहम्मद शमी फॉर्म में है और जसप्रीत बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका श्रेय भरत अरुण को जाता है। चयनकर्ताओं के लिए उनकी जगह किसी और को तरजीह देना मुश्किल होगा।"
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संजय बांगर मध्यक्रम को मजबूत नहीं बना पाए हैं। अधिकारी ने कहा, "संजय बांगर के आने से पहले भी रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी सफलता में संजय बांगर का कोई योगदान नहीं है। उनका काम मध्यक्रम को मजबूत बनाना था और विश्व कप में हमने देखा कि वह इसमें बुरी तरह नाकाम रहे।"
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी जोंटी रोड्स ने फील्डिंग कोच के लिए आवेदन किया है। ऐसा माना जा रहा है, मौजूदा फील्डिंग कोच आर श्रीधर, रोड्स की चुनौती के बावजूद भी बरकरार रह सकते हैं।
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