राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट टीम का क्रिस्टोफर नोलान कहा जा सकता है लेकिन अगर कोई खिलाड़ी उनके इस नाम को चुनौती दे सकता है तो वह गौतम गंभीर है। अगर पीछे मुड़कर देखा जाये तो गंभीर की महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं लेकिन ये पारियां उनके ही साथियों के पारी के पीछे कहीं छुप गया। 2007 टी-20 विश्वकप कप के फाइनल में खेली 75 रनों की पारी, 2008 के दौरान कई महत्वपूर्ण पारियां और 2011 विश्वकप के फाइनल में दबाव में खेली गयी 97 रनों की पारी। आईपीएल में केकेआर के लिए गंभीर नियमित मैच जिताऊ पारियां खेलते आ रहे हैं लेकिन फिर भी चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी तरफ नहीं जा रहा। इस सूची के सभी खिलाड़ियों को देखा जाये उसमे टीम में आने का सबसे कम मौका गंभीर के पास ही है क्योंकि लगभग 36 साल के हो चुके हैं। सलामी बल्लेबाज होने के कारण वापसी और भी मुश्किल हो जाती है क्योंकि भारतीय टीम में कहीं सबसे कम परेशानी है तो वह सलामी बल्लेबाजी में ही है जहाँ रोहित-धवन की जोड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इन सब के बावजूद गंभीर को भारतीय टीम के लिए उनके योगदान को देखते हुए एक विदाई सीरीज मिलनी चाहिए।