वह हीरो जिसने देशवासियों के विश्वकप जीतने के 28 साल के इंतजार को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई, साथ ही कैंसर से लड़ाई जीतकर लाखों के लिए प्रेरणा बने युवराज सिंह भारतीय टीम का सबसे बड़ा मैच विनर कहा जाता है। आईसीसी नॉकआउट कप 2000 में अपने पदार्पण से लेकर हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ धुआंधार पारी खेलने वाले युवराज ने इस बीच कई ऐसी ही पारियां खेलकर भारतीय खेल प्रेमियों को झूमने का मौका दिया है। युवी के घरेलु मैचों के प्रदर्शन को देखकर उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी टीम में जगह मिली थी लेकिन प्रदर्शन में निरन्तरता की कमी के कारण वो अपनी जगह नहीं बचा पाएँ। वर्तमान ऑस्ट्रेलिया सीरीज में उन्हें ‘आराम’ दिया गया है जिससे यह बात साफ हो जाती है की अभी भी उनकी वापसी हो सकती है। जो चीज उनके खिलाफ जा सकती है वह उनका उम्र है, जिसके बार एक समय सबसे अच्छे फील्डर माने जाने वाले युवी काफी ख़राब फील्डिंग करने लगे हैं। फिर भी उनका अनुभव और कभी ना हार मानने की क्षमता उन्हें फिर से भारतीय टीम में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी दिलवा सकती है।