भारतीय टीम को छह महीने की मैच फीस का भुगतान होना बाकी

भारतीय टीम के सफल 13 टेस्ट मैचों के घरेलू सीजन को समाप्त हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है और खिलाड़ी अपनी आईपीएल टीमों से जुड़कर टूर्नामेंट में हिस्सा भी ले रहे हैं। प्रबंधन समिति और बीसीसीआई के टकराव में अब भारतीय टीम भी प्रभावित हो रही है। खिलाड़ियों को पिछले छह महीनों की मैच फीस और कठिन मेहनत के इंसेंटिव के रूप में 1 करोड़ रूपये मिलना अभी बाकी है। भारतीय टेस्ट टीम के एक सदस्य ने इन्डियन एक्सप्रेस से कहा "सामान्यतः हम अपने बकाया भुगतान एक महीने या पंद्रह दिनों में प्राप्त कर लेते हैं लेकिन इस बार देरी कुछ अधिक हो रही है। हमें नहीं मालूम कि इसका क्या कारण है लेकिन इस प्रकार पहले कभी नहीं हुआ।" गौरतलब है कि खिलाड़ियों को टेस्ट के लिए 15 लाख रूपये मिलते हैं और यह सिर्फ खेलने वाले 11 खिलाड़ियों को ही मिलते हैं। इसके अलावा जो खिलाड़ी मैच से बाहर होते हैं, उन्हें 7 लाख रूपये दिए जाते हैं। नियम दर्शाते हैं कि टीम को टेस्ट के 2 महीने के भीतर भुगतान कर दिया जाता है लेकिन इस बार छह महीने हो गए हैं। बीसीसीआई में शीर्ष पद पर बैठे अधिकारी ने कहा कि यह देरी कई कारणों से हो रही है। कार्यवाहक सचिव को लेकर असमंजस की स्थिति थी और एक आधिकारिक व्यक्ति की अनुपस्थिति में अमिताभ चौधरी को सभी भुगतान करने का अधिकार प्राप्त है। महिला क्रिकेटरों के पैमेंट भी उनके और बोर्ड के बीच करार अधर में होने के चलते नहीं हो पाए हैं। गौरतलब है कि घरेलू टेस्ट सत्र समाप्त होने के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ी फिलहाल अपनी-अपनी आईपीएल टीमों से जुड़े हुए हैं और टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ खेल रहे हैं। आईपीएल समाप्त होने के बाद टीम इंडिया को चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने के लिए जून में इंग्लैंड भी जाना है ऐसे में सभी यही चाहेंगे कि उनके बकाया भुगतान जल्दी ही हो जाएं।