आजकल हर क्षेत्र में भारतीय देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इस बार सौरभ नेत्रावलकर देश का नाम क्रिकेट में रोशन कर रहे हैं। भारत की अंडर-19 टीम में खेल चुके मुंबई के स्टार खिलाड़ी सौरभ अब जल्द ही अमेरिका की राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करेंगे। जी हां, भारत में अपने जलवे बिखेरने के बाद सौरभ अमेरिका में धूम मचाने को तैयार हैं।
बता दें, सौरभ एक स्टार परफॉर्मर हैं, जोकि लेफ्ट आर्म पेसर हैं। सौरभ साल 2010 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले बॉलर थे। सौरभ के आकड़ों की बात करें तो उन्होंने साल 2013 में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। उन्होंने इस दौरान कर्नाटक के खिलाफ 3 विकेट झटके। हालांकि, ये इस टूर्नामेंट में उनका पहला और आखिरी मैच था।
बाद में वह पढ़ाई जारी रखने के लिए साल 2015 में अमेरिका चले गए। यहां वह कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए गए थे क्योंकि सौरभ क्रिकेट में अपने भविष्य को लेकर संतुष्ट नहीं थे। इस वजह से वो पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से इंजिनियरिंग में ग्रेजुएट करने के बाद अमेरिका की कोरनेल यूनिवर्सिटी में मास्टर करने लिए चले गए।
नेत्रावलकर क्रिकेट में अपने भविष्य को लेकर संतुष्ट नहीं थे। अमेरिका में उनको पढ़ाई के दौरान उन्हें एक बार फिर क्रिकेट खेलना का मौका मिला, तो वह खुद को रोक नहीं पाए। पढ़ाई के दौरान उन्होंने क्रिकेट जारी रखा और ओराकल में नौकरी ज्वाइन करने के बावजूद भी क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को कायम रखा। 27 वर्षीय नेत्रावलकर हर सप्ताह सैन फ्रांसिस्को से लॉस एंजिल्स क्रिकेट खेलने आया करते थे।
यहां अपनी मास्टर डिग्री के दौरान उन्होंने फिर क्रिकेट खेला। इस बार उन्हें फिर खेलने के मौके मिले तो वो खुद को रोक नहीं पाए। ऐसे में उन्होंने पढ़ाई और क्रिकेट दोनों को जारी रखा और नौकरी जॉइन करने के बाद भी क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा। इस तरह क्रिकेट खेलते-खेलते अब उन्हें अमेरिका की राष्ट्रीय टीम की कप्तानी भी मिल गई।
जिस टीम के लिए सौरव ने भारत की तरफ से विश्व कप खेला था उसके कप्तान अशोक मनेरिया थे जो वर्ष 2010 में 2008 की सफलता को नहीं दोहरा पाए थे। 2008 में विराट की कप्तानी में भारतीय अंडर 19 टीम ने विश्व कप जीता था। सौरव इस टूर्नामेंट में अपने चरम पर थे और शानदार प्रदर्शन किया था हालांकि इसके अलावा उन्होंने ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं किया था। एसोसिएट देश के ज्यादातर क्रिकेटर खेलने के आलावा कुछ अन्य काम भी करते हैं और सौरव भी दूसरा काम करते हैं। वो इस वक्त यूएसए में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। कॉरनेल विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रैजुएशन करने के बाद वो इंजीनियर बन गए।
हाल ही में वो कैरेबियन प्रीमयर लीग में गुयाना वारियर्स टीम का हिस्सा थे। हालांकि उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। यूएसए में पिछले दिनों आयोजित क्षेत्रिय 50 ओवर के एक टूर्नामेंट में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। इस वक्त वो वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन 3 में यूए क्रिकेट टीम की कप्तानी कर रहे हैं। क्रिकेट के प्रति उनका गहरा लगाव रहा है ये इससे पता चलता है कि वो खेलने के लिए छह घंटे की यात्रा करते थे।
अब नेत्रावलकर अमेरिकी टीम के कप्तान हैं और अगले सप्ताह यह टीम ओमान में आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन 3 में खेलने के लिए जाएगी। यह 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलीफायर टूर्नामेंट होंगे। नेत्रावलकर मानते हैं कि मेन टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है।
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