भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज विक्रम राजवीर सिंह ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। वीआरवी सिंह ने 2006-2007 के बीच भारत के लिए केवल पांच टेस्ट मैच ही खेले हैं। इसके अलावा, दो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में वह भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। वीआरवी ने कहा कि मैं अपनी चोटों से लगातार उबर नहीं पाया। मैंने बेहतर करने की कोशिश की लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका। इस वजह से मैंने सोच लिया कि संन्यास लेने का यही सही समय है। अब आगे क्या करना है, उस पर मुझे ध्यान देना होगा।
34 साल के इस तेज गेंदबाज ने पांच टेस्ट मैचों में आठ विकेट लिए हैं। वहीं दो वनडे मैचों में वीआरवी के खाते में एक भी विकेट नहीं आया। घरेलू क्रिकेट में वीआरवी पंजाब का प्रतिनिधित्व करते थे। आईपीएल के तीन सीजन में वह पंजाब किंग्स इलेवन के लिए खेल चुके हैं। उन्होंने 29 फर्स्ट क्लास मैच में 121 और 33 टी-20 मैच में 31 विकेट चटकाए हैं। 2014 में वह अपनी बैक इंजरी से परेशान रहे, जिससे वह काफी वक्त तक उबर नहीं पाए। वीआरवी ने 2014 में पंजाब की टीम से आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेला था।
वीआरवी ने कहा कि मैंने कई बार वापसी करने की कोशिश की लेकिन इंजरीज ने मुझे उबरने नहीं दिया। आप अपने शरीर के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। मेरी कई सर्जरी हुई हैं। 2014 में मुझे कुछ साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। मैंने 2018 में फिर प्रैक्टिस शुरू की लेकिन सब मेरे मुताबिक नहीं चल पाया। मैंने संन्यास का फैसला पिछली रात में ही नहीं लिया है। युवराज सिंह ने मेरा उत्साह बढ़ाया, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने मेरी बहुत मदद की। भविष्य के सवाल पर वीआरवी ने कहा कि मैं इस खेल से कोच के रूप में आगे भी जुड़ा रहना चाहता हूं पर अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन से इस बारे में बात करूंगा।
Hindi Cricket News सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाईलाइटस और न्यूज़ स्पोर्ट्सकीड़ा पर पाएं