भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 2011 के विश्वकप को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विश्व कप में अपने शतक को पूरा नहीं कर पाने पर कड़ा अफसोस व्यक्त किया है। गौरतलब है कि विश्व कप 2011 का फाइनल मैच भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। जहां भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर ऐतिहासिक विश्व कप जीत के बाद क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी थी। आपको बता दें कि उस दौरान भारत विश्व कप जीतने वाला पहला मेजबान देश बना था। उस मैच में भारत ने अपना पहला विकेट वीरेंदर सहवाग के रूप में जल्दी ही गंवा दिया था। जहां वीरेंद्र सहवाग बिना खाता खोले ही वापस पवेलियन में लौट गए थे। लेकिन उसके बाद बल्लेबाजी करने आए सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 97 रनों की पारी खेलकर भारतीय क्रिकेट टीम की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गौतम गंभीर अपना शतक पूरा नहीं कर पाए और मात्र 3 रनों से चूक गए थे। एक प्रेस वार्ता के दौरान सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा "विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ अपना शतक पूरा नहीं कर पाने को लेकर मुझे काफी अफसोस है , लेकिन मुझे भरोसा है कि मेरी इस पारी को भविष्य में ज़रूर याद रखा जाएगा, मेरी इस पारी की बदौलत मैच जीतने के साथ-साथ भारतीय टीम ने विश्व कप ट्राफी पर भी अपना कब्ज़ा जमाया था" "वैसे तो महेला जयवर्धने ने भी उस मैच में शतक बनाया था, मगर मेरी पारी उसके मुकाबले कुछ खास थी, मैं अपने शतक से भले ही चूक गया था, लेकिन मेरी 97 रनों की पारी की बदौलत हमारी टीम ने जीत हासिल की थी और विश्व कप पर भी अपना कब्जा जमाया था": गौतम गंभीर इसके बाद उन्होंने आईपीएल के आगामी सत्र पर बात करते हुए कहा “मैं इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलने के लिए काफी उत्साहित हूं, अगर हम इस बार जीते तो हमारी टीम तीन बार आईपीएल खिताब पर कब्जा जमाने वाली पहली टीम बन जाएगी" "अभी हम अपनी टीम के लिए गेंदबाजी कोच की तलाश कर रहे हैं, हम एक ऐसा कोच चाहते हैं जो हमारे टीम के गेंदबाजों को गेंदबाजी के महत्वपूर्ण गुण सिखा सके और उन्हें दबाव की परिस्थितियों में भी गेंदबाजी करना सिखा सके": गौतम गंभीर