वीवीएस लक्ष्मण भारत के सबसे अच्छे टेस्ट बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन उन्हें कभी भी विश्वकप में खेलने का मौका नहीं मिला। 2003 विश्वकप से पहले लक्ष्मण जबरदस्त खेल दिखा रहे थे और टीम में जगह मिलना पक्का दिख रहा था लेकिन दिनेश मोंगिया को उनकी जगह टीम में चुन लिया गया। बाद में कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी भूल थी। इस बारे में लक्ष्मण ने कहा था कि उनका ना चुना जाना दुर्भाग्यपूर्ण था और यह उनके लिए एक बड़ा झटका था। मैं विश्वकप की टीम में नहीं चुना गया यह मेरे करियर का सबसे बुरा पल था। टीम में 2004 में वापसी करने के बाद 6 महीनों में ही 5 शतक ठोक कर लक्ष्मण ने बीसीसीआई को एहसास करा दिया कि उन्हें विश्वकप की टीम में ना चुनकर कितनी बड़ी गलती की थी।