अंडर-19 विश्व कप हमेशा से ही उभरती हुई युवा प्रतिभाओं के लिए अपने हुनर को साबित करने का उम्दा मौका रहा है। इस टूर्नामेंट ने पूर्व में विराट कोहली, युवराज सिंह, स्टीव स्मिथ, जो रूट, सरफराज अहमद और वीरेंदर सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश का रास्ता साफ किया है। न्यूजीलैंड में होने वाले अंडर-19 विश्व कप (2018) की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और प्रतिनिधित्व करने जा रही टीमों ने अपनी कमर कस ली है। 2016 में भारत, उपविजेता रहा था। इस सीजन के लिए भारत को जिम्बाब्वे, पीएनजी और ऑस्ट्रेलिया के साथ ग्रुप-B में रखा गया है। इस सत्र में 14 जनवरी को भारत का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ है। इसके बाद पीएनजी और जिम्बाब्वे के खिलाफ क्रमशः 16 जनवरी और 19 जनवरी को भारत को मैच खेलने हैं। तीनों लीग मैच टॉरंगा के बे ओवल में खेले जाएंगे। भारतीय टीमः पृथ्वी शॉ (कप्तान), शुभमान गिल, हिमांशु राणा, अभिषेक शर्मा, कमलेश नागरकोटी, ईशान पोरेल, शिवम मावी, रेयान पराग, आर्यन जुयल, हार्विक देसाई (विकेटकीपर), अर्शदीप सिंह, शिवा सिंह, पंकज यादव, अनुकूल रॉय और मनजोत कालरा। बहुत कम लोग, इन खिलाड़ियों के नाम से परिचित होंगे। आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में:
अर्शदीप सिंह
ऊंचे-लंबे कद के तेज़ गेंदबाज अर्शदीप सिंह पंजाब से आते हैं। वीनू मारकंड ट्रॉफी में पंजाब की ओर से 13 विकेट, साथ ही इस वर्ष डीपी आज़ाद ट्रॉफी के पंजाब इंटर-डिस्ट्रिक्ट वनडे चैंपियनशिप में चंडीगढ़ की ओर से खेलते हुए 5 मैचों में 19 विकेट इनके नाम हैं। इसी सप्ताह चैलेंजर ट्रॉफी में अर्शदीप ने इंडिया रेड का प्रतिनिधित्व किया और 7 विकेट झटके।
शिवा सिंह
उत्तर प्रदेश के शिव सिंह स्लो लेफ्ट-आर्म स्पिनर हैं। टॉन्टन में भारत के लिए हीरो रहे शिवा ने इंग्लैंड के खिलाफ 38 रन देकर 5 विकेट लिए और भारत ने मैच जीतकर 4-0 से बढ़त हासिल की।
शिवम मावी
दाएं हाथ के मीडियम पेसर शिव मावी, निचले क्रम में एक कारगर बल्लेबाज का विकल्प हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश की टीम से एक भी मैच न खेल पाने के बावजूद, वह अंडर-19 टीम के मुख्य खिलाड़ियो में से एक हैं।
अनुकूल रॉय
19 वर्षीय बाएं हाथ के स्पिनर अनुकूल रॉय भी मावी की तरह निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं। झारखंड के इस गेंदबाज ने इंग्लैंड दौरे पर भारत की ओर से 4 मैचों में 10 विकेट लिए। उन्होंने 4 विकेटों के 2 स्पेल डाले, भारत ने सीरीज 5-0 से जीत ली और इसमें अनुकूल का खास योगदान रहा। विश्व कप में उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। दुर्भाग्यवश, 2017-18 रणजी ट्रॉफी में वह झारखंड टीम का हिस्सा नहीं बन सके।
मंजोत कालरा
इस साल पांच लिस्ट ए और दो प्रथम श्रेणी मैचो में भारतीय अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके 18 वर्षीय मनजोत कालरा दिल्ली के युवा बल्लेबाज हैं। पिछले महीने उनके करियर का बुरा दौर रहा। बीसीसीआई से क्लीन चिट मिलने के बावजूद डीडीसीए ने उनकी उम्र पर सवाल उठाए।
रियान पराग
इस साल इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए यूथ टेस्ट में मध्यक्रम के बल्लेबाज रियान पराग भारत के लिए कामयाब बल्लेबाज रहे, हालांकि उसके बाद वह अपने फॉर्म को बरकरार नहीं रख सके। अंडर-19 चैलेंजर ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन बेहतर रहा और उन्हें विश्वकप टीम में शामिल कर लिया गया। पिछले साल ही उन्होंने असम की ओर से लिस्ट ए में डेब्यू किया।
पंकज यादव
अंडर-19 विश्व कप के संदर्भ में झारखंड के इस खिलाड़ी की कहानी काफी प्रेरणादायक है। पंकज एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दूध बेचते हैं, अभी पंकज का झारखंड की सीनियर टीम से खेलना बाकी है।
आर्यन जुयाल
उत्तराखंड के 16 वर्षीय युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज आर्यन जुयाल ने कूच बिहार ट्रॉफी में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और अंडर 19 टीम में जगह बनाई। वह पहली बार अंडर-19 टूर्नामेंट खेलेंगे। इससे पहले वह किसी भी राज्य की सीनियर टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं।
हार्विक देसाई
सौराष्ट्र के 18 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज हार्विक देसाई टीम की पहली पसंद हैं। उन्होने अपने करियर की शुरूआत इसी साल लिस्ट-ए से की है। वह अब तक पांच मैच खेल चुके हैं।
ईशान पोरेल
विश्वकप अंडर 19 टीम में बंगाल के तेज़ गेंदबाज ईशान पोरेल को शामिल किया गया है, जो अपने अनुभव से न्यूजीलैंड में जीत की राह आसान बना सकते हैं। ईशान का रणजी ट्रॉफी सफर काफी शानदार रहा, उन्होंने 5 पारियों में 21 की औसत से 13 विकेट अपने नाम किए। दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी सेमी फ़ाइनल मैच में खेलने की वजह से वह बैंगलोर में लगे अंडर-19 शिविर में शामिल नहीं हो सके। ईशान सीनियर लेवल पर खेल चुके हैं और अंडर-19 कप्तान पृथ्वी उनका अच्छा इस्तेमाल कर सकते हैं। 5 पारियों में उन्होंने 21 की औसत से 13 विकेट अपने नाम किए हैं। वह दिल्ली के खिलाफ रणजी सेमीफाइनल में व्यस्त थे, इसलिए वह बैंगलोर में अंडर-19 कैंप में हिस्सा नहीं ले सके।
कमलेश नागरकोटी
अपने दूसरे ही लिस्ट-ए मैच में हैट्रिक लेने वाले कमलेश नागरकोटी ने सबको चौंका दिया था। 17 वर्षीय इस खिलाड़ी ने इसके बाद पीछे मु़ड़कर नहीं देखा। बांग्लादेश में होने वाली एसीसी एमर्जिंग प्लेयर टूर्नामेंट की अंडर-23 टीम में इस खिलाड़ी का चयन किया गया। इंग्लैंड दौरा उनके करियर का बेहतरीन वक्त रहा। चेस्टरफील्ड में खेले गए पहले यूथ टेस्ट की दोनों पारियों में 5 विकेटों का स्पेल करने वाले इस खिलाड़ी ने सबको प्रभावित किया। पूरा दौरा न केवल गेंद से बल्कि बल्ले से भी उनके लिया खास रहा। अंडर-19 की अगुआई करने वाले इस खिलाड़ी पर सबकी नज़र है।
हिमांशु राणा
पृथ्वी शॉ के साथ ओपनिंग जोड़ी बनाने वाले हिमशु राणा टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। हिमांशु ने करियर की शुरूआत 16 वर्ष की उम्र में हरियाणा की ओर से की थी। उन्होंने अपने राज्य के लिए 15 प्रथम श्रेणी और सीमित ओवरों के प्रारूप में 12 मैच खेले हैं। हिमांशु बल्लेबाजी में अपनी टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं, जो हर बल्लेबाज के खेल में नहीं दिखती। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हरियाणा की ओर से हिमांशु ने 15 मैचो में 792 रन बनाए। साथ ही, टी-20 में भी 120 के स्ट्राइक रेट और 20 के औसत के साथ 10 पारियों में 172 रन अपने खाते में जोड़े।
अभिषेक शर्मा
अंडर-16 में खेलने वाले इस खिलाड़ी को उनके दमदार खेल से न केवल सराहना मिली बल्कि अंडर-19 एशिया कप में उन्हें कप्तानी का मौका भी दिया गया। विजय मर्चेन्ट ट्रॉफी में खेलते हुए अभिषेक ने शानदार बल्लेबाजी दिखाई और महज 12 पारियों में 112.33 के औसत से 1200 रन बनाए। न केवल बल्लेबाजी, गेंदबाजी में भी दाएं हाथ के इस स्पिनर ने 7 मैचो में 10 के औसत से 59 विकेट लिए और टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
शुभम गिल
पृथ्वी शॉ की तरह अंडर-19 वर्ल्ड कप में शुभम गिल भी भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पंजाब के इस खिलाड़ी ने इस साल इंग्लैंड दौरे पर अपनी 4 पारियों में 93 की औसत और 100 के स्ट्राइक रेट से 278 रन बनाए। इंग्लैंड का भारत दौरा भी शुभम के लिए महत्वपूर्ण था और उन्होंने इस टूर्नामेंट में 4 पारियों में 117 की औसत और 105 के स्ट्राइक रेट से 351 रन बनाए। उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरूआत पंजाब के लिए हाल में चल रही रणजी ट्रॉफी से की है और 2 मैचों में 62 की औसत से 245 रन अपने नाम कर चुके हैं। विश्व कप में निश्चित रूप से विरोधी दल की यह रणनीति रहेगी कि किस प्रकार पृथ्वी और शुभम को बड़े स्कोर बनाने से रोका जाए।
पृथ्वी शॉ
2013 से चर्चा में आए इस खिलाड़ी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं हैं, स्कूल टूर्नामेंट की एक पारी में 546 रनों का रिकॉर्ड बनाने वाले इस खिलाड़ी में हमेशा से क्षमता थी, लेकिन यह सवाल हमेशा उठाया जाता था कि यह लय स्कूल क्रिकेट से पेशेवर खेल में बरकरार रहेगी या नहीं? मुंबई लिए खेलते हुए पृथ्वी ने सिर्फ 8 प्रथम श्रेणी मैच और दिलीप ट्रॉफी में खेलते हुए 63 की औसत और 75 की स्ट्राइक रेट से 945 रन अपने खाते में जमा कर लिए हैं। 2018 में होने जा रहे अंडर- 19 विश्वकप में टीम इंडिया की कमान पृथ्वी के हाथ में ही होगी। टूर्नामेंट की सफलता भविष्य में इस खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का टिकट दिलाने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। लेखक: विग्नेश अनंथासुब्रामनियम अनुवादक: देवांश अवस्थी