क्रिकेट के सभी फॉर्मेट खासकर टेस्ट क्रिकेट में साझेदारियों का काफी ज्यादा महत्त्व होता है। टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी साझेदारी की अगर बात करें तो यह रिकॉर्ड श्रीलंका के महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के नाम है, जिन्होंने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे विकेट के लिए 624 रनों की बेहतरीन साझेदारी निभाई थी।
टेस्ट क्रिकेट की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी श्रीलंकाई बल्लेबाजों के नाम है। 1997 में सनथ जयसूर्या और रोशन महानामा ने भारत के खिलाफ दूसरे विकेट के लिए 576 रनों की साझेदारी निभाई थी। गौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में यही ऐसे दो मौके हैं, जब 500 से ज्यादा रनों की साझेदारी निभाई गई। भारत की तरफ से अभी तक 14 बार 300 या उससे ज्यादा रनों की साझेदारी निभाई गई है, जिसमें दो साझेदारियां 400 से ऊपर की हैं।
आइये नज़र डालते हैं भारत की तरफ से निभाई गई टेस्ट क्रिकेट में 5 सबसे बड़ी साझेदारियां पर:
# 413 रन (वीनू मांकड़ एवं पंकज रॉय, 1956)
1956 में न्यूजीलैंड के भारत दौरे का पांचवां टेस्ट चेन्नई में खेला गया। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 537/3 का विशाल स्कोर बनाया, जिसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में 209 और फॉलोऑन करते हुए दूसरी पारी में 219 रन बनाकर आउट हो गई एवं उन्हें एक पारी और 109 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
इस मैच में भारत की एकमात्र पारी में वीनू मांकड़ (231) और पंकज रॉय (173) ने पहले विकेट के लिए 413 रनों की साझेदारी निभाई, जो आज तक भारत की तरफ से टेस्ट में न सिर्फ सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड है बल्कि किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी है।
# 410 रन (वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़, 2006)
2006 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में खेले गए पहले टेस्ट में वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ ने पहले विकेट के लिए 410 रनों की साझेदारी निभाई थी और वीनू मांकड़ एवं पंकज रॉय के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए थे। वीरेंदर सहवाग ने उस मैच में 254 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी, वहीं राहुल द्रविड़ ने नाबाद 128 रन बनाये थे। पाकिस्तान के 679/7 के जवाब में भारत ने 410/1 का स्कोर बनाया और मैच ड्रॉ हो गया।
# 376 रन (वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़, 2001)
भारतीय टेस्ट इतिहास के सबसे ऐतिहासिक मैच में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने पांचवें विकेट के लिए पांचवें विकेट के लिए 376 रन जोड़े थे और मैच का रुख ही बदल दिया था। 2001 में कोलकाता में खेले गए टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाये, जिसके जवाब में भारतीय टीम 171 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। भारत को फॉलोऑन के लिए बुलाया गया और हार लगभग तय लग रही थी, लेकिन दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण की यादगार पारी एवं द्रविड़ के साथ उनकी साझेदारी ने मैच को भारत के पक्ष में कर दिया।
दूसरी पारी में भारत ने लक्ष्मण के 281 और द्रविड़ के 180 रनों की मदद से 657/7 का स्कोर बनाया और जीत के लिए 384 रनों के लक्ष्य के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम 212 रन बनाकर ऑल आउट हो गई एवं भारतीय टीम ने चौंकाने वाली जीत हासिल की।
# 370 रन (चेतेश्वर पुजारा और मुरली विजय, 2013)
2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में चेतेश्वर पुजारा और मुरली विजय ने दूसरे विकेट के लिए 370 रनों की जबरदस्त साझेदारी निभाई थी। चेतेश्वर पुजारा ने उस मैच में 204 रनों की शानदार पारी खेली थी, वहीं मुरली विजय ने 167 रन बनाये थे। हैदराबाद में भारत (503) ने ऑस्ट्रेलिया (237/9 एवं 131) को एक पारी और 135 रनों से हराया था।
# 365 रन (विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे, 2016)
2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर टेस्ट में भारतीय टीम ने 321 रनों की एकतरफा जीत हासिल की थी। पहली पारी में भारत ने 557/5 का स्कोर बनाया, जिसमें विराट कोहली ने 211 और अजिंक्य रहाणे ने 188 रन बनाये। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 365 रनों की बेहतरीन साझेदारी निभाई। भारत के बड़े स्कोर के जवाब में न्यूजीलैंड पहली पारी में 299 रन ही बना सकी।
भारत ने अपनी दूसरी पारी 216/3 के स्कोर पर घोषित की और न्यूजीलैंड को जीत के लिए 475 रनों का लक्ष्य दिया, लेकिन मेहमान टीम सिर्फ 153 रन बनाकर ढेर हो गई।