टेस्ट मैच
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (11- 15 मार्च, 2001, इडेन गार्डन, कोलकाता, भारत)
नई सदी की आगाज था | उन दिनों स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रलियन टीम वैसा ही खेल रही थी, जैसे सत्तर के दशक में क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज की टीम खेला करती थी | इधर कई झंझावतों से गुजरती हुई भारतीय टीम की कमान नए कप्तान सौरव गांगुली के हाथ में थी | पूरे आत्मविश्वास से लबालब ऑस्ट्रेलियन टीम ने लगातार 15 टेस्ट मैच जीत कर भारत की सर जमीन पर कदम रखा था | आते ही ऑस्ट्रेलिया ने पूरे आत्मविश्वास के साथ मुंबई में खेला गया पहला टेस्ट मैच 10 विकेट से जीत कर लगातार जीतने वाले टेस्ट मैचों की संख्या 16 कर ली थी | उसके बाद सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच, स्टेडियम इडेन गार्डन, जगह कोलकाता | ऑस्ट्रेलिया की एक बार फिर शानदर बैटिंग, 445 ऑस्ट्रेलिया ऑल आउट, भारत की तरफ से गेंदबाजी में भज्जी की हैट्रिक सहित 7 विकेट |
अब भारत की बैटिंग, कुल जमा 171 पर ऑल आउट, 59 रनों की पारी के साथ कुछ हद तक लक्ष्मण का संघर्ष | उधर मैक्ग्रा (4 विकेट) के नेतृत्व में ऑस्ट्रलियाई गेंदबाजों ने विकेट बांटे | भारत पर फॉलोऑन, दूसरी पारी में एस एस दास और एस रमेश ने सधी शुरुआत की, लेकिन आत्मविश्वास ने लबरेज वी वी एस लक्ष्मण ने 281 रन की पारी ने कलाइयों की जादू से सब कुछ बदल कर रख दिया | अगले छोर पर द्रविड़ की दीवार ने 180 रन के साथ उनका दिया | जिसने भी इन दोनों के बीच हुई उस 376 रन की साझेदारी को देखा होगा वह शायद कभी उस मैच को भूल पायेगा | बाद में भारत ने 657/7 पर दूसरी पारी समाप्त की थी | हरभजन के 6 विकेट ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी 212 पर समेट कर भारत को 171 रन जीत दिला दिया | आगे ऑस्ट्रेलिया वह सीरीज भी हार गया | उसके बाद बाकी सब इतिहास है क्योंकि उस समय तक क्रिकेट की किताब में यह सिर्फ तीसरी बार हुआ था जब किसी टीम ने फॉलोऑन से पीछे रहते हुए मैच जीता हो |