गेंदबाज
इरफान पठान
इरफान पठान उस समय अपने करियर के चरम पर थे। पठान काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे वो गेंद को दोनों तरफ से स्विंग कराने में माहिर थे। हालांकि उस सीरीज में पहले 2 टेस्ट मैच में पठान को ज्यादा सफलता नहीं मिली और वो मात्र 2 ही विकेट निकाल सके। इसके बाद अगले 2 मैच में उनकी जगह अजीत अगरकर को टीम में शामिल कर लिया गया। इरफान पठान उस समय भारतीय क्रिकेट के हीरो बन गए जब 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में उन्होंने हैट्रिक लगाई। चोट की वजह से उनका करियर काफी प्रभावित हुआ।
अजीत अगरकर
वनडे क्रिकेट में अजीत अगरकर जितना सफल हुए उतना टेस्ट क्रिकेट में उन्हें सफलता नहीं मिली। 90 के आखिर और 2000 के शुरुआत में वो भारत के मैच विनर खिलाड़ियों में से एक थे। वनडे क्रिकेट में ज्यादा सफल होने के बावजूद वो टेस्ट क्रिकेट में नियमित जगह नहीं बना सके। 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्हें नागपुर टेस्ट में इरफान पठान की जगह टीम में शामिल किया गया। लेकिन वो मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और मात्र एक ही विकेट निकाल सके। ऑस्ट्रेलिया की उस सीरीज के बाद वो आगे मात्र 4 टेस्ट मैच ही भारत की तरफ से खेल सके।
मुरली कार्तिक
शानदार स्पिनर होने के बावजूद मुरली कार्तिक भी कभी भारतीय टीम में नियमित जगह नहीं बना सके। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने लगातार शानदार प्रदर्शन किया। हर बार ऐसा लगता था कि कार्तिक को अब टीम में शामिल कर लिया जाएगा लेकिन हर बार उन्हें टीम में जगह नहीं मिलती थी। इसके सबसे बड़ी वजह थी हरभजन सिंह और अनिल कुंबले की सफल जोड़ी। उस समय इन दोनों स्पिनरों की जोड़ी अपने चरम पर थी जिसकी वजह से मुरली कार्तिक को उतना मौका नहीं मिल पाया। 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस सीरीज में मुरली कार्तिक को आखिरी 2 टेस्ट मैच के लिए टीम में जगह दी गई थी। दोनों ही मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। नागपुर टेस्ट में उन्होंने 5 विकेट तो मुंबई टेस्ट में मैच विनिंग 7 विकेट चटकाए। ऐसा लगा कि उनका क्रिकेट करियर लंबा चलेगा लेकिन उस सीरीज के बाद वो मात्र 1 ही टेस्ट मैच में भारतीय टीम का हिस्सा रहे।