एमएस धोनी का सीमित ओवरों के कप्तान के रूप में वह पहला वर्ष था। भारतीय टीम के कप्तान के रूप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पहली श्रृंखला जीती थी। इस मैच में, उन्होंने मेंडी द्वारा आउट किये जाने से पहले केवल छह रन बनाए थे, लेकिन अगले दशक में, वह निर्विवाद रूप से भारत के सबसे महान सीमित ओवरों के कप्तान बन गए और उन्होंने टीम इंडिया के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेलीं। 2014 में टेस्ट टीम से उन्होंने संन्यास लिया लेकिन उसके बाद वनडे और टी 20 में खेलना जारी रखा। हरभजन सिंह उस समय भारत के प्रमुख ऑफ स्पिनर, हरभजन सिंह ने बल्ले और गेंद दोनों के साथ निराशाजनक प्रदर्शन किया था, बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने सिर्फ 12 रन बनाये और बाद में चार ओवरों की गेंदबाज़ी करते हुए विकेट रहित रहे। अगले एक दशक में वह भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर बने। 2011 विश्व कप जीतने के बाद रविचंद्रन अश्विन को उन पर तरजीह दी गई और फिलहाल वह काफी समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। इरफान पठान सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर इरफान पठान ने मुथैया मुरलीधरन द्वारा आउट किये जाने से पहले 7 रन बनाए थे और गेंदबाज़ी में भी वह विकेट रहित रहे। पठान को टीम प्रबंधन द्वारा 2013 तक टीम में रखा गया, उसके बाद से वह पिछले पांच सालों से टीम इंडिया में जगह नहीं बना पाए हैं।