लोढ़ा समिति की सिफारिशे लगातार भारतीय क्रिकेट टीम पर असर डाल रही है। टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में शामिल बल्लेबाजी कोच संजय बांगर और फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रस्तावित 25 प्रतिशत बढ़ोतरी को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। पिछले वर्ष इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने इन दोनों को 100 प्रतिशत बढ़ोतरी देने का वादा किया था, लेकिन उनके हटने का मतलब यह रहा कि मौजूदा सीईओ राहुल जोहरी नया प्रस्ताव लेकर आए, जिसे ख़ारिज कर दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस को एक सूत्र ने जानकारी दी, 'परेशानी यह है कि बांगर समेत सपोर्ट स्टाफ के कुछ सदस्यों को जुड़ने के बाद तीन वर्ष से अधिक हो चुके हैं और उनका वेतन तब से बढ़ा नहीं है। बाद में फिजियो को नियुक्त किया गया और दोनों कोच के समान उन्हें वेतन दिया गया। यह मामला भेदभाव का है और भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले व कप्तान विराट कोहली का भी मानना है कि सपोर्ट स्टाफ को अच्छा वेतन दिया जाना चाहिए। उनसे पहले वादा किया गया था कि बीसीसीआई उनके वेतन का ख्याल रखेगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। और अब 25 प्रतिशत बढ़ोतरी से सपोर्ट स्टाफ खुश नहीं है।' भारतीय कोच अनिल कुंबले सालाना 6।5 करोड़ रुपए कमा रहे हैं और उनके सपोर्ट स्टाफ को भी अच्छा वेतन मिल रहा है। चूंकि सपोर्ट स्टाफ को 100 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए कहा गया था, लेकिन लोढ़ा समिति की सिफारिशों के कारण मौजूदा बीसीसीआई सीईओ ने नया प्रस्ताव सामने रखा है। जब से अनिल कुंबले ने कोच की जिम्मेदारी संभाली है, भारतीय टीम ने क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया है। सपोर्ट स्टाफ ने खिलाड़ियों के साथ उच्च दर्जे का काम किया है, जिसकी सराहना हर जगह हो रही है। यह सही है कि तीन वर्ष बाद सपोर्ट स्टाफ का वेतन अच्छा बढ़ना चाहिए।