विंडीज़ दौरे पर टी20 की हार के ही साथ भारत का दौरा ख़त्म हो गया, एक से दो दिनों में सारे खिलाड़ी क़रीब डेढ़ महीने के बाद स्वदेश लौट आएंगे। पहले इंग्लैंड और अब वेस्टइंडीज़ दोनों ही जगह भारतीय खिलाड़ियों ने आगाज़ तो शानदार किया लेकिन लास्ट लाइन को फ़िनिश कर पाने में चूक गए। इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें पाकिस्तान से हार मिली, तो विंडीज़ दौरे में वनडे में सीरीज़ जीत के बाद एकमात्र टी20 में हार के साथ दौरा ख़त्म किया। क़रीब डेढ़ महीने के बाद घर लौट रही टीम इंडिया को इन दौरों की थकान दूर करने के लिए बहुत कम दिनों का आराम मिलेगा। क्योंकि टीम इंडिया को इसी महीने की 26 तारीख़ से श्रीलंका के ख़िलाफ़ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलनी है और उसके बाद 5 वनडे और 1 टी20 भी इन दोनों देश के बीच होगा। टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम इंडिया का ऐलान भी कर दिया गया जिनमें कोई नया चेहरा शामिल नहीं किया गया है, चयनकर्ताओं ने परिवर्तन काल से गुज़र रही श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक मज़बूत टीम भेजने का फ़ैसला किया है। जिसमें रोहित शर्मा एक बार फिर सफ़ेद कपड़ों में वापसी करेंगे तो उनके लिए इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तिहरा शतक जड़ने वाले करुण नायर को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इसके अलावा टीम में तीन सलामी बल्लेबाज़ों को रखा गया है जिनमें मुरली विजय और चोट के बाद लोकेश राहुल वापसी कर रहे हैं। इन दोनों का प्लेइंग-XI में भी खेलना तय है, तीसरे सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर अभिनव मुकुंद को रिज़र्व रखा गया है। हालांकि चयनकर्ता वनडे में शानदार फ़ॉर्म में चल रहे शिखर धवन को उनकी जगह तरजीह देनी चाहिए थी, शिखर के पास अनुभव और फ़ॉर्म दोनों है। तो अभिनव मुकुंद के लिए भारत ए के साथ दक्षिण अफ़्रीका का दौरा उनके करियर के लिए अच्छा साबित होता। रोहित शर्मा की वापसी के पीछे ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ करुण नायर का ख़राब फ़ॉर्म माना जा रहा है। रोहित शर्मा की वापसी से टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर भी मज़बूत है, हालांकि टीम में ऋद्धिमान साहा के तौर पर बस एक ही विकेटकीपर को रखा गया है। अगर वह चोटिल हुए तो केएल राहुल को विकेट के पीछे की ज़िम्मेदारी निभानी पड़ सकती है। चयनकर्ता यहां दिनेश कार्तिक को मौक़ा दे सकते थे, जो मध्यक्रम में बतौर बल्लेबाज़ भी खेल सकते थे और ज़रूरत पड़ने पर विकेट के पीछे भी बढ़िया प्रदर्शन कर सकते थे। बात अगर ऑलराउंडर की करें तो टीम में हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा और आर अश्विन के तौर पर तीन तीन विकल्प मौजूद हैं। जिनमें श्रीलंका की पिच को ध्यान में रखते हुए अश्विन और जडेजा का खेलना तय है, पांड्या तीसरे गेंदबाज़ के विकल्प के तौर पर प्लेइंग-XI का हिस्सा भी हो सकते हैं। हालांकि टेस्ट में इशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव की पेस तिकड़ी शानदार है और चौथे गेंदबाज़ के तौर पर मोहम्मद शमी भी इस टीम का हिस्सा हैं। ऐसे में पांड्या का टेस्ट डेब्यू फ़िलहाल दूर ही नज़र आ रहा है, लेकिन मौसम और पिच के मिज़ाज को देखते हुए कोहली कब क्या फ़ैसला करेंगे कहना मुश्किल है। पिछली सीरीज़ में श्रीलंकाई सरज़मीं पर तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा की घातक गेंदबाज़ी सभी को याद है, लिहाज़ा वह इस दौरे पर एक्स फ़ैक्टर साबित हो सकते हैं। इन सब के अलावा टीम में तीसरे स्पिनर तौर पर शामिल बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव भी श्रीलंकाई पिच पर ख़ासे असरदार साबित हो सकते हैं। नए कोच के साथ टीम इंडिया का ये पहला दौरा भी हो सकता है, लिहाज़ा चयनकर्ताओं ने भी एक अच्छी और संतुलित टीम चुनने की पूरी कोशिश की है। इस टीम के साथ श्रीलंका को उन्हीं के घर में हराना वह भी इस परिवर्तन काल में जब बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे ने भी श्रीलंका को उन्हीं के घर में शिकस्त दी है, टेस्ट की बेस्ट यानी नंबर-1 टीम के लिए मुश्किल नज़र नहीं आता।