अपने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जहां एक ओर मेन इन ब्लू ने वनडे और टी-20 सीरीज जीतकर एक नया इतिहास रचा, वहीं विमेन इन ब्लू भी ऐसा करने में पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी दक्षिण अफ्रीका को इस दौरे पर बुरी तरह से हराकर वन डे और टी-20 सीरीज अपने नाम कीं। पिछले कुछ समय में जहां पुरुषों की टीम के प्रदर्शन में निरन्तरता आई है, वहीं महिलाएं भी पीछे नहीं रही हैं। उनका प्रदर्शन भी बड़ा ही दमदार और निरन्तरता से भरा रहा है। टीम पिछले वर्ष सम्पन्न हुए विश्व कप की उपविजेता भी है। फाइनल मैच एक समय टीम इंडिया की मुट्ठी में ही था, लेकिन महत्वपूर्ण क्षणों में टीम में बड़े अवसरों के अनुरूप आवश्यक अनुभव की कमी नज़र आईं और इस अनुभवहीनता के कारण ही टीम फाइनल मुकाबले में मात्र 9 रन से हार गई। इसके अतिरिक्त टीम ने हर बार की तरह एक बार फिर एशिया कप का खिताब भी अपने नाम किया। विमेन इन ब्लू 2004 से शुरू हुए एशिया कप के सभी 6 खिताब अपने नाम कर चुकी है। एशिया में उन्हें चुनौती देने वाली अभी कोई टीम नहीं है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के इतिहास और उसके आंकड़ों पर एक नज़र
सन 1976 में भारतीय महिला टीम ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच के माध्यम से क्रिकेट के मैदान में पदार्पण किया था। तब से लेकर अब तक टीम ने कुल 36 टेस्ट मैच ही खेले हैं। भारतीय टीम ने इनमें से 5 टेस्ट मैच जीते हैं, जबकि 6 मैचों में उसे हार का मुँह देखना पड़ा है, शेष 25 मैच ड्रा पर समाप्त हुए हैं। वन डे क्रिकेट की बात करें तो टीम ने अब तक 251 मैच खेले हैं, जिनमें से 138 मैचों में टीम के हाथ जीत लगी है, जबकि 108 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा है, 1 मैच टाई रहा, जबकि शेष 4 मैचों का कोई रिजल्ट नहीं आया। टीम ने अब तक 9 बार विश्व कप में भाग लिया है और 2 बार 2005 एवं 2017 में फाइनल में पहुंचने में तो कामयाब रही, लेकिन फाइनल में दोनों बार हार का सामना करने के कारण उसे उपविजेता बनकर ही सन्तोष करना पड़ा। इसके अतिरिक्त टीम 1997, 2000 और 2009 में सेमी फाइनल में पहुंचने में भी सफल रही, लेकिन फाइनल में जगह नहीं बना सकी। टीम ने अब तक कुल 77 टी-20 मैच खेले हैं, इनमें से 39 मैचों में टीम के हाथ जीत लगी है, जबकि 37 मुकाबलों में हार, शेष 1 मैच का कोई परिणाम नहीं निकला। टी-20 वर्ल्ड कप में टीम का अब तक का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है। 5 बार शिरकत करने वाली टीम एक बार भी फाइनल में नहीं पहुंची है। टीम दो बार सेमी फाइनल तक ही पहुंच सकी है। महिला क्रिकेट में वन डे में सर्वाधिक रन बनाने और विकेट लेने के दोनों रिकॉर्ड टीम इंडिया के ही नाम हैं। एक ओर जहां मिताली राज ने अब तक सर्वाधिक 6259 रन बनाए हैं, वहीं झूलन गोस्वामी ने भी अब तक सबसे अधिक 200 विकेट लिए हैं। भारत की ओर से टेस्ट मैचों में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड संध्या अग्रवाल के नाम है, जिन्होंने 1110 बनाए हैं। जबकि सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुलजी (63 विकेट) के नाम है। शुभांगी कुलकर्णी भारत की सबसे सफल टेस्ट ऑल राउंडर रही हैं। हालिया समय में विमेन इन ब्लू की सफलता का राज़ है टीम के अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन। अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज टीम की बल्लेबाजी की धुरी हैं। वो एक छोर सम्भालकर के रखती हैं, दूसरे छोर से बाकी बल्लेबाज आक्रमण करते हैं। टी-20 कप्तान हरमनप्रीत कौर टीम की बल्लेबाजी को गति प्रदान करती हैं। महिला क्रिकेट की बात करें तो वो इस समय दुनिया की सबसे आक्रामक बल्लेबाज हैं। टीम की ओपनर स्मृति मंधाना और वेदा कृष्णमूर्ति भी अपनी बल्लेबाजी में बेहद आक्रामक तेवर रखती हैं। पूनम राउत, तिरुषी कामिनी और जेमिमा रॉड्रिक्स टीम की अन्य प्रमुख बल्लेबाज हैं। विकेट के पीछे सुषमा वर्मा भी दुनिया की सबसे अनुभवी विकेट कीपरों में शुमार होती हैं। आल राउंडर झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, दीप्ति शर्मा और अनुजा पाटिल टीम को सन्तुलन प्रदान करती हैं। जबकि एकता विष्ट और राजेश्वरी गायकवाड़ के हाथों में टीम की स्पिन गेंदबाजी की बागडोर है। विडंबना ये है कि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी महिला टीम को पुरुष टीम की भांति उतने मैच, सुविधाएं एवं तवज्जो नहीं मिलती, जिसकी वो हकदार हैं। इसका उदाहरण है कि भारतीय महिला टीम ने अपना अंतिम टेस्ट मैच सन 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उसके बाद टीम ने अभी तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। हालांकि अब स्थिति में परिवर्तन आना शुरू हो गया है। महिला क्रिकेट के बारे में चर्चाएं होने लगी हैं, महिला खिलाड़ियों को लोग पहचानने लगे हैं, उन्हें प्रोत्साहन एवं प्रायोजक मिलने लगे हैं। मेन इन ब्लू के कई वर्तमान एवं पूर्व खिलाड़ियों ने विमेन इन ब्लू को बहुत अधिक प्रेरित और प्रोत्साहित किया है, जो एक अच्छा संकेत है। अब आशा तो यही है कि विमेन इन ब्लू अपने खेल में और निखार लाते हुए विदेशी जमीं पर शानदार प्रदर्शन करेंगी। उम्मीद तो यही है कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमों को कड़ी टक्कर देने में सफल रहेंगी और अगला विश्व कप एवं टी-20 विश्व कप जीतकर विश्व कप जीतने के सभी के सपने को पूरा करेंगी।