क्रिकेट के खेल को नए मुकाम पर लाने के लिए वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी ने एक और बड़े टूर्नामेंट की तरफ रुख किया और 1998 में पहली बार विल्स इंटरनेशनल कप की शुरुआत की थी, जिसको अगले साल आईसीसी नॉकआउट कप से जाना जाने लगा और बाद में इस टूर्नामेंट का नाम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी रख दिया गया। पहले टूर्नामेंट की शुरुआत बांग्लादेश में हुई जहाँ 9 टीमों ने हिस्सा लिया था। 1998 की चैंपियंस ट्रॉफी को दक्षिण अफ्रीका ने अपने नाम किया था। 1998 में भारतीय टीम का प्रदर्शन औसतन रहा था और सेमीफाइनल तक की राह भारतीय टीम ने देखी, जहाँ उसे वेस्ट इंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा। आईये आपको दिखाते है, 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी वाली भारतीय टीम के ख़िलाड़ी इस समय कहा है और अब उनके जीवन में क्या चल रहा है। सचिन तेंदुलकर विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा नाम सचिन तेंदुलकर, वह भारत के लिए 1998 चैंपियंस ट्रॉफी में सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलते थे। सचिन ने क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक बनाया था और टीम को सेमीफाइनल तक पहुँचाया था। वेस्टइंडीज से भारत सेमीफाइनल मुकाबला हार गई थी। मास्टर ब्लास्टर ने अभी तक 5 चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लिया और 2002 में उन्होंने इस ख़िताब को अपने नाम किया था। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अभी इंडियन प्रीमियर लीग में टीम मुंबई इंडियंस के मेंटर के रूप में काम कर रहे है साथ ही इस महीने उनके जीवन पर बनी फिल्म भी प्रदर्शित हुई है। सौरव गांगुली पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 1998 में भारत के लिए पहला बड़ा आईसीसी इवेंट खेला था। गांगुली ने उस टूर्नामेंट में 2 मैचों में केवल 84 रन ही बनाये थे, जिसमे 83 रनों की पारी उन्होंने सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली थी। जिस मैच को भारत हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया था। सौरव गांगुली फ़िलहाल क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के प्रधान हैं साथ ही वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के द्वारा बनाई गई सलाहकार समिति के भी सदस्य है। मोहम्मद अजहरुद्दीन भारतीय टीम के कप्तान के रूप में अजहरुद्दीन इस टूर्नामेंट में खेले थे, उन्होंने बल्लेबाज के रूप में बेहद खराब प्रदर्शन किया था। 2 मैचों में केवल एक ही रन बना पाए थे। इस टूर्नामेंट के बाद अजहरुद्दीन के केरियर पर विराम चिन्ह लगने लगा। इस चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उन्होंने एक भी चैंपियंस ट्रॉफी में भाग नहीं लिया। वर्तमान में अजहरुद्दीन उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद से सांसद के रूप में कार्य कर रहे है। राहुल द्रविड़ पूर्व भारतीय कप्तान और सबसे भरोसेमंद ख़िलाड़ी रहे राहुल द्रविड़ के लिए यह टूर्नामेंट पहला सबसे बड़ा टूर्नामेंट था। द्रविड़ ने 2 मैचों में 68 रन बनाये थे। भारत के लिए उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में 6 बार सबसे ज्यादा शिरकत की है। 2009 में वह आखिरी बार टीम के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में दिखे थे। वर्तमान समय में राहुल द्रविड़ जूनियर लेवल पर इंडिया ए और अंडर-19 के साथ साथ आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच के रूप कार्य कर रहे है। अजय जडेजा दाएँ हाथ के मिडिल आर्डर के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज रहे अजय जडेजा ने चैंपियंस ट्रॉफी में केवल 2 मुकाबले खेले है। जडेजा ने क्वार्टरफाइनल के दौरान 71 रनों की अहम पारी खेली थी, लेकिन सेमीफाइनल में वह फ्लॉप रहे। जडेजा के केरीयर का यह आखिरी चैंपियंस ट्रॉफी थी क्योंकि स्पॉट फिक्सिंग के मामले में उनका नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा था। अपने बैन के बाद वह अब क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में टेलीविजन पर आईपीएल के दौरान दिखाई देते हैं। रोबिन सिंह भारतीय टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाने वाले रोबिन सिंह भारत के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ फील्डिंग के स्तर को भी दुनिया के सामने लेकर आये हैं। वह भारतीय टीम के लिए मिडिल ऑर्डर में प्रमुख बल्लेबाज थे। रोबिन सिंह ने अपने सन्यास से पहले भारत के लिए आगे भी चैंपियंस ट्रॉफी खेली थी, लेकिन सन्यास के बाद 2007 से 2009 के बीच में वह भारत के फील्डिंग कोच के रूप में काम करते रहे साथ ही वह अब आईपीएल में मुंबई इंडियंस के कोचिंग स्टाफ में शामिल है। नयन मोंगिया भारतीय टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज नयन मोंगिया ने चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। 2 पारियों में उन्होंने 0 और 25 रनों का योगदान दिया था। मोंगिया भारत के लिए काफी समय तक विकेटकीपर के रूप में खेलते रहे, लेकिन 2001 कोलकाता टेस्ट के बाद वह भारतीय टीम में नजर आये। फ़िलहाल नयन मोंगिया आईपीएल में कमेंट्री बॉक्स में नजर आये थे साथ ही वह क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में भी टेलीविजन पर नजर आते हैं। वीवीएस लक्ष्मण भारत के महान टेस्ट बल्लेबाज लक्ष्मण भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक भी मैच नही खेला था। फ़िलहाल लक्ष्मण आईपीएल में टीम सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर के रूप में और बीसीसीआई द्वारा नियुक्त सलाहकार समिति के सदस्य हैं। अजित अगरकर चैंपियंस ट्रॉफी 1998 में अगरकर एक युवा तेज गेंदबाज थे। भारत के लिए 3 चैंपियंस ट्रॉफी में अगरकर ने हिस्सा लिया है। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। अगरकर अभी फ़िलहाल क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में एक क्रिकेट वेबसाईट पर नजर आते हैं। सुनील जोशी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज जोशी ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 9 ओवर में 2 विकेट लिए थे और सेमीफाइनल में अपने 10 ओवर में उन्होंने मात्र 35 रन दिए थे। जोशी अगली चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारत के लिए खेले थे और 2012 में उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास ले लिया था। सन्यास के बाद सुनील जोशी ने जम्मू कश्मीर के कोच के रूप में काम किया और अभी वह असम की रणजी टीम के साथ मुख्य कोच के रूप में जुड़े हुए हैं। जवगल श्रीनाथ 90 के दशक से भारत के तेज गेंदबाजी की कमान श्रीनाथ के हाथों में रहती थी। इस टूर्नामेंट में भी श्रीनाथ ने उम्दा गेंदबाजी की अपने खेले गये 2 मैचों में उन्होंने 3 विकटें चटकाई थी। भारत देश को स्पिन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन श्रीनाथ ने भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी को नया मुकाम दिया था। 2003 में उन्होंने क्रिकेट से सन्यास ले लिया था, अभी फ़िलहाल वह आईसीसी के साथ मैच रेफरी के रूप में कार्य संभाले हुए हैं। अनिल कुंबले भारतीय टीम के सबसे महान गेंदबाजों में से एक कुंबले ने इस टूर्नामेंट में केवल एक मात्र विकेट वेस्ट इंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में लिया था। उनके लिए यह टूर्नामेंट ज्यादा अच्छा नहीं रहा, लेकिन भारत के लिए उन्होंने 2000 और 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लिया था। अनिल कुम्बले वर्तमान समय में भारतीय टीम के मुख्य कोच है और वह अपनी कोचिंग में चाहेंगे कि भारत एक बार फिर से इस टूर्नामेंट को अपने नाम करे। वेंकटेश प्रसाद श्रीनाथ के साथ सलामी गेंदबाजी का जिम्मा प्रसाद ही सँभालते थे। वह ज्यादा तेज गेंदबाज नहीं थे, लेकिन उनकी काबिलियत और उनके द्वारा डाला गया सफल लेग कटर उनकों बेहतरीन तेज गेंदबाज बनाता है। 2000 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को फाइनल तक पहुँचाने में प्रसाद की अहम भूमिका थी। फ़िलहाल प्रसाद जूनियर चयन समिति के प्रधान हैं।