हरभजन सिंह भारत के दिग्गज स्पिनरों में से एक हैं। 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में वो टीम का हिस्सा थे और अब भी वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में हरभजन सिंह ने काफी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 5 मैचों में 6 विकेट चटकाए थे। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 3 विकेट लिए थे। इसके बाद भी हरभजन सिंह का अच्छा प्रदर्शन जारी रहा। 2003 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके अलावा 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में उनकी अहम भूमिका रही थी। हरभजन सिंह अभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक्टिव हैं और भारतीय टीम में वापसी के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। आईपीएल में वो वर्तमान चैंपियन मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा हैं। जहीर खान जहीर खान भारत के सबसे अच्छे तेज गेंदबाज हैं। अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान भारत की जीत में उन्होंने अहम भूमिका अदा की। बड़े टूर्नामेंटों में भारत की सफलता के वो नायक रहे। 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में वो भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। इसके अलावा 2003 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट झटके। जब तक जहीर खान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया तब तक वो भारतीय तेज गेंदबाजी की अगुवाई करते रहे। करियर के आखिर में उनका खेल चोट की वजह से काफी प्रभावित हुआ। इसी वजह से उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाजों को मौका मिला। 2015 में जहीर खान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इस वक्त आईपीएल में वो दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान हैं। अनिल कुंबले पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ना केवल भारत के सबसे अच्छे स्पिनर थे बल्कि वो दुनिया के बेस्ट स्पिनरों में से एक थे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में विकेट लेने के बाद वो मुथैया मुरलीधरन और शेनवॉर्न के बाद तीसरे नंबर पर हैं। उनके नाम वर्ल्ड क्रिकेट में 619 विकेट हैं। 2002 के चैंपियंस ट्रॉफी में कुंबले ने 4 मैचो में 4 विकेट चटकाए थे। 2007 से 2008 तक वो भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान भी रहे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद कुछ सालों तक उन्होंने रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से आईपीएल मैच भी खेले।आईपीएल से संन्यास लेने के बाद 2012 से 2015 के बीच वो आरसीबी और मुंबई इंडियंस के मेंटोर भी रहे। इस समय वो भारतीय टीम के कोच हैं। अजीत अगरकर पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर भी भारत के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक थे। खासकर वनडे मैचो में उन्होंने काफी बेहतरीन गेंदबाजी की। हालांकि 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें मात्र 2 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 2 विकेट चटकाए। वो टूर्नामेंट में महंगे साबित हुए और 6 रन प्रति ओवर से ज्यादा रन दिए। 2003 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने काफी अच्छी गेंदबाजी की। लेकिन 2007 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। क्रिकेट से संन्यास के बाद काफी समय तक अगरकर ने गोल्फ खेला और 2016 में दिल्ली में कॉर्पोरेट टूर्नामेंट भी जीता। आईपीएल 2017 में वो क्रिकेट एनालिस्ट के तौर पर नजर आए।