Ad

Ad
संजय बांगर अगरकर और पार्थिव के बाद तीसरे ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका 2003 के वर्ल्डकप में नहीं मिला था। साल 2002 में हेडिंग्ले में भारत की जीत अहम भूमिका निभाने के लिए संजय बांगर याद किये जाते हैं। साल 2013 में बांगर ने सभी फॉर्मेट में संन्यास ले लिया था। जिसके बाद साल 2014 में वह भारतीय टीम के बल्लेबाज़ी कोच के रूप में काम कर रहे हैं।
Edited by Staff Editor