भारत को पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 333 रन से हार का सामना करना पड़ा जो टेस्ट क्रिकेट में उसकी 5 बड़ी हार में एक है
1990 के दौर में भारतीय टीम की छवि ऐसी थी जिसे घर का शेर तो कहा जाता था, लेकिन घऱ के बाहर जाते ही टीम इंडिया ढेर हो जाती थी। विदेशों में भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में कई बार शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके अगले दशक में भारतीय टीम में टेस्ट क्रिकेट में अपने घर में एक ऐसी टीम बन गई थी, जिसे उसके घर में हराना विरोधियों के लिए टेढ़ी खीर साबित होने लगा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पहले ही टेस्ट में टीम इंडिया अपने घर में वो खेल नहीं दिखा पाई जिसके लिए वो जानी जाती है। लिहाजा पुणे टेस्ट में उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रन से हराया और ये हार टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की 5 सबसे बड़ी हार में शुमार हुई।
दक्षिण अफ्रीका (329 रन), कोलकाता , 1996
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 1996 में मोटेरा में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में 64 रन से जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम बुलंद हौसलों के साथ दूसरे टेस्ट के लिए कोलकाता पहुंची। कोलकात टेस्ट में टीम इंडिया की कोशिश थी कि वो यहां जीत दर्ज कर कानपुर में होने वाले आखिरी टेस्ट से पहले ही सीरीज अपने नाम करे।
लेकिन अफ्रीकी टीम ने दूसरे टेस्ट मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए गैरी कर्सटन की दोनों पारियों में दो शतकों और लांस क्लूज़नर के पहले ही मैच में 8 विकेट की बदौलत भारतीय टीम को हराने में कामयाबी हासिल की थी। वेंकटेश प्रसाद के 6 विकेट और मोहम्मद अजरूद्दीन का शानदार शतक भारत के किसी काम नहीं आया।
भारतीय टीम वो मैच 329 रनों से हार गई थी। ये रनों के लिहाज से मिली उस समय भारत की सबसे बड़ी हार थी।
इस हार के बावजूद भारत ने वापसी की। मैन ऑफ द सीरीज मोहम्मद अजरुद्दीन के तीसरे और निर्णायक मैच में लगाए गए शतक की बदौलत टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को कानपुर टेस्ट में 280 रनों से हराकर सीरीज पर कब्जा किया।