ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में बड़ी जीत से पहले 2004 में नागपुर टेस्ट में 342 रन से बड़ी जीत दर्ज की थी। जिसे स्टीव वॉ ने फाइनल फ्रंटियर नाम दिया था। पहली पारी में माइकल क्लार्क और डेमियन मार्टिन के बीच बड़ी साझेदारी हुई। जिसके दमपर कंगारू पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहे। इसके बाद दूसरी पारी में जेसन गिलस्पी ने अपनी गति से भारतीय बल्लेबाजों को अच्छा खासा परेशान किया। इस मैच में भारतीय बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही डिपार्टमेंट पूरी तरह फ्लॉप रहे। हालांकि कुछ अच्छी पारियां वीरेंद्र सहवाग और मोहम्मद कैफ के बल्ले से निकली। दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 543 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में भारतीय टीम 200 रन ही बना पाई ऑस्ट्रेलियाई टीम ना सिर्फ नागपुर टेस्ट में बड़ी जीत दर्ज की बल्कि टेस्ट सीरीज भी अपने नाम की।