इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम 30 अगस्त से 5 मैचों की सीरीज का चौथा मैच खेलेगी। इसके पहले सीरीज के तीसरे मैच में जीत हासिल कर भारतीय टीम ने पहले दोनों मैच हारने के बाद सीरीज में वापसी की। यह जीत एशिया के बाहर भारतीय टीम की पांचवीं सबसे बड़ी जीत थी। इससे पहले भी भारतीय टीम कई मौकों में एशिया से बाहर अपने विपक्षी को धूल चटा चुकी है। आपको एशिया के बाहर भारत की 5 सबसे बड़ी जीत के बारे में बताते हैं:
203 रन से जीत बनाम इंग्लैंड, ट्रेंट ब्रिज 2018
इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम को करीबी हार मिली तो वहीं दूसरे टेस्ट में टीम बुरी तरह पराजित हुई। तीसरे मैच में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। कप्तान कोहली और अजिंक्य रहाणे की पारियों की बदौलत भारतीय टीम ने पहली पारी में 329 रन बनाये। हार्दिक पांड्या के 5 विकेटों की बदौलत भारत को पहली पारी में 168 रनों की बढत मिल गई। दूसरी पारी में कप्तान कोहली की शतक वजह से भारत ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 521 रनों का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी में इंग्लैंड की पूरी टीम 317 रनों पर आउट हो गई और भारत ने 203 रनों से इस मैच को जीता।
222 रनों से जीत, बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न 1977
1977 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी भारतीय टीम 0-2 से पिछड़ने के बाद मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में वापसी के इरादे से उतरी। पहली पारी में भारतीय टीम ने 256 रन बनाये। भगवत चंद्रशेखर के 6 विकेट की बदौलत भारत को पहली पारी में 43 रनों की बढ़त मिल गई। दूसरी पारी में सुनील गावस्कर की शतकीय पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 387 रनों का लक्ष्य रखा। चंद्रशेखर ने एक बार फिर 6 विकेट चटकाकर भारत को 222 रनों से जीत दिला दी।
237 रनों से जीत, बनाम वेस्टइंडीज,ग्रोस आइलेट 2016
सीरीज में 1-0 की बढ़त के बाद लेने का बाद भारतीय टीम ने इस मैच में साहा और अश्विन की 213 रनों की साझेदारी की बदौलत 353 का स्कोर बनाया। इसके बाद भुवनेश्वर कुमार की शानदार गेंदबाजी की वजह से विंडीज टीम 225 रनों पर आउट हो गई। दूसरी पारी में भारत ने 217/7 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दी मेजबान टीम को जीत के लिए 346 रनों का लक्ष्य दिया। वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 108 ही बनाई पाई और टीम इंडिया ने इस मैच को 237 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया।
272 रनों से जीत बनाम न्यूजीलैंड, ऑकलैंड 1968
भारतीय टीम उस सीरीज में 2-1 से आगे थी और ऑकलैंड में सीरीज का चौथा और अंतिम मैच खेला जाना। पहली बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम सिर्फ 252 रन ही बना पाई। इसके बाद प्रसन्ना की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने कीवी टीम को 140 रनों पर रोक दिया। दूसरी पारी में मेहमान टीम ने 261/5 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दी और मेजबानों को जीत के लिए 374 रनों का लक्ष्य दिया। इसके बाद कीवी टीम मात्र 101 रनों पर ऑल-आउट हो गई और भारत ने 3-1 से सीरीज अपने नाम कर लिया।
279 रनों से जीत बनाम इंग्लैंड, लीड्स 1986
लॉर्ड्स में मिली जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम लीड्स के मैदान पर इंग्लैंड का सामना करने उतरी। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम ने 272 रन बनाये जिसमें दिलीप वेंगसरकर के 61 रनों की पारी शामिल थी। रोजर बिन्नी की खतरनाक गेंदबाजी ने मेजबान इंग्लैंड को 102 रनों पर ही रोक दिया। 170 रनों की बढ़त मिलने के बाद वेंगसरकर की शतकीय पारी की मदद से भारत ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 408 रनों का लक्ष्य रखा। इतने बड़े लक्ष्य के सामने पूरी इंग्लैंड टीम मात्र 128 रनों पर सिमट गई और भारत ने एशिया से बाहर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की।