इयान बॉथम और डेविड गोवर के बिना खेलते हुए इंग्लैंड टीम ने इस मैच के लिए 37 वर्षीय जॉल लीवर को वापस टीम में शामिल किया था, जबकि विकेटकीपर ब्रूस फ़ेंच का ये डेब्यू मैच था। इंग्लिश टीम ने इस मैच में भारतीय टीम को दबाव में नहीं लाया और रनो के लिहाज़ से अब तक की ये सबसे बड़ी जीत भारत को मिल गई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने पहली पारी में 272 रन ही बनाए थे, जिसमें दिलिप वेंगसरकर के 61 रन शामिल थे। चेतन शर्मा को चोट लग गई थी, लिहाज़ा नई गेंद मदद लाल ने कपिल देव के साथ साझा की। रॉजर बिन्नी इस मैच में सबसे ज़्यादा असरदार रहे थे, जिन्होंने पांच शिकार करते हुए इंग्लिश टीम को 101 रनों पर ही ढेर कर दिया था। दूसरी पारी में लीवर ने भारतीय बल्लेबाज़ों को अपनी गेंदबाज़ी से ख़ूब परेशान किया था। लेकिन दिलिप वेंगसरकर एक छोर से जमकर बल्लेबाज़ी करते रहे और शानदार शतक लगा डाला था। वेंगसरकर 102 रनों पर नाबाद रहे, और भारत ने दूसरी पारी में 237 रन बनाते हुए अंग्रेज़ों के सामने जीत के लिए 408 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसके जवाब में इंग्लिश टीम भारतीय गेंदबाज़ों के सामने ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई। नई गेंद से कपिल देव और रॉजर बिन्नी ने इंग्लिश टीम की कमर तोड़ डाली थी और फिर निचले क्रम को मनिदंर सिंह ने अपनी फिरकी के जाल में फंसा लिया। इंग्लैंड 128 रनों पर ढेर हो गया और भारत ने 279 रनों से मुक़ाबला जीत लिया, भारतीय क्रिकेट इतिहास में अब तक रनों के लिहाज़ से ये विदेशी धरती पर ये सबसे बड़ी जीत है।