घुमावदार भारतीय पिचें पिछले कुछ वर्षों से आलोचना और समीक्षा के दौर से गुजरी है, और माना गया कि ये जीतने के लिए बनाई गई है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आलोचकों को बिना टर्न वाली पिचों पर भी गलत साबित कर दिया है। राजकोट में बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच थी, वहीं विशाखापट्टनम की पिच धीमी और असमतल उछाल वाली थी। मोहाली की पिच की बात करें तो उस पर तीसरे दिन के अंत में गेंद घुमना शुरू हुई। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में चौथा टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार है, और रिपोर्टों के अनुसार टीम प्रबंधन ने पिच क्यूरेटर से सूखा, यानि बिना घास वाली विकेट बनाने का आग्रह किया है। अधिकतर बिना घास वाली पिचें बल्लेबाजों के लिए मददगार होती है। वानखेड़े स्टेडियम की पिचों को बल्लेबाजों का स्वर्ग कहा जाता है। कुछ समय पहले ही दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच हुए रणजी ट्रॉफी मैच में यहां करीबन 1300 रन बने थे। मुख्य कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली ने टर्न वाली पिचों पर खेलने से होने वाली आलोचनाओं को खेल से जवाब दे दिया है। कोच अनिल कुंबले ने मोहाली मैच के बाद प्रेस वार्ता में कहा “हमने कोलकाता में (न्यूजीलैंड के खिलाफ) खेलकर दिखा दिया कि हम सिर्फ टर्न होने वाली पिचों पर ही नहीं खेलते, बल्कि हमारे पास अच्छी क्रिकेट खेलकर किसी भी टीम को हराने का कौशल है। यह तभी संभव होता है जब आप बाहर होने वाली बातों पर ध्यान नहीं दें। आपको अपने मजबूत पक्ष और कौशल पर ध्यान देना होता है।“ मेजबान टीम ने पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की अजय बढ़त बना ली है और इंग्लैंड टीम को मुंबई में भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश में है। वहीं एलिस्टेयर कुक के नेतृत्व वाली इंग्लैंड की टीम सीरीज़ में पहला मैच जीतकर वापसी करना चाहेगी। मुरली विजय की पीठ में जकड़न है, ऐसे में पिछले टेस्ट में टीम से बाहर किए गए ओपनर गौतम गंभीर को वापस बुलाया जा सकता है।