धोनी युग के अंत के बाद अब वनडे क्रिकेट में भारत को कई सवालों के जवाब ढूंढने हैं

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लोअर मिडिल ऑर्डर
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2015 वर्ल्ड कप हो या फिर उसके बाद खेली गई वनडे सीरीज लोअर मिडिल में टीम इंडिया की परेशानियां हमेशा जस की तस रही। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज 1-4 से गंवाई लेकिन टॉप ऑर्डर के अच्छे प्रदर्शन के बाद अगर लोअर ऑर्डर भी उनका साथ निभाता हो शायद नतीजा ऐसा बिल्कुल ना होता। 2007 से 2011 के बीच भारतीय टीम को जो कामयाबी हासिल हुई है, उसमें लोअर मिडिल ऑर्डर में युवराज सिंह, एम एस धोनी और सुरेश रैना का अहम योगदान रहा है। युवराज और रैना ने लोअर मिडिल ऑर्डर में टीम को स्थिरता दी, तो वहीं धोनी भी अपनी मैच फिनिशर की भूमिका को अच्छे से निभाते रहे। अब लोअर मिडिल ऑर्डर में भी टीम इंडिया के पास अच्छे दावेदार मौजूद हैं। जिनमें मनीष पांडे, युवराज सिंह, करूण नायर और हार्दिक पांड्या शामिल हैं। जिस तरह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए चयनकर्ता युवराज सिंह वापस लेकर आए हैं। उसे देखकर लगता है कि टीम मैनेजमेंट ने लोअर मिडिल ऑर्डर में जिम्मेदारी उठाने के लिए अनुभवी बल्लेबाज पर भरोसा जताया है। मनीष पांडे, केदार जाधव, करूण नायर और हार्दिक पांड्या अभी इंटरनेशनल क्रिकेट में नए हैं। अभी उन्हें टीम में अपनी जगह पक्की करने में समय लगेगा। ऐसे में विराट और कुंबले को प्लेइंग इलेवन लिहाज से खिलाड़ियों को तैयार करना होगा। इन खिलाड़ियों के अलावा लोअर मिडिल ऑर्डर में अजिंक्य रहाणे और लोकेश राहुल भी फिट बैठते हैं। इस समय मनीष पांडे नंबर 5 पर फिट बैठते हैं। हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में मनीष का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। लेकिन बावजूद इसके उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जा सकता है। नंबर 6 पर युवराज सिंह टीम इंडिया के सबसे अनुभवी और सर्वश्रेष्ठ मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं। इस साल रणजी सीजन में युवराज सिंह ने 84 की औसत से 672 रन बनाए हैं। लिहाजा युवी की कोशिश होगी कि वो यही फॉर्म अंग्रेजों के खिलाफ भी बरकरार रखें और टीम में अपनी जगह फिर से पक्की करें। केदार जाधव भी इस पोजीशन पर बेहद कंसीस्टेंट रहे हैं और युवराज और जाधव के टीम में होने का मतलब है कि आपके के पास एक एक्सट्रा गेंदबाज का विकल्प रहता है। नंबर 7 पर हार्दिक पांड्या फिट बैठते हैं क्योंकि अब 2019 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी इंग्लैंड में खेली जानी है। इस लिहाज से हार्दिक टीम इंडिया में एकलौते तेज गेंदबाज ऑलरांउडर हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया के लिए हार्दिक ने गेंदबाजी की शुरूआत की थी। जिससे ये पता चलता है कि टीम इंडिया को उनकी क्षमता पर कितना भरोसा है साथ ही हार्दिक से बॉलिंग की शुरूआत करवाकर टीम मैनेजमेंट भविष्य के लिए विकल्प भी ढूंढ रही है।