एक टीम की प्लेइंग इलेवन तभी मजबूत बनती है, जब उसके पास अव्वल दर्जे के तेज गेंदबाज हों। तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट में प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाने के सबसे बड़े दावेदार हैं मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह। मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित किया है। वहीं 2015 वर्ल्ड कप में भी भारत के अच्छे प्रदर्शन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। मोहम्मद शमी और उमेश यादव वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में टॉप-5 में शामिल थे और दोनों ही गेंदबाजों ने अपनी इस फॉर्म को टी 20 और टेस्ट क्रिकेट में भी बरकरार रखा। यॉर्कर किंग जसप्रीत बुमराह को 2016 में भारत की सबसे बड़ी खोज भी कहा जा सकता है। बुमराह ने 2016 में खेले 8 वनडे मैचों 14 की औसत से 17 विकेट चटकाए। जबकि इस दौरान बुमराह ने सिर्फ 3.6 की इकोनोमी रेट से रन खर्च किए। 2019 वर्ल्ड कप इंग्लैंड के तेज विकेटों पर होना है ऐसे में भुवनेश्वर कुमार भी टीम इंडिया के लिए तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं। भुवी की गेंद को दोनों ओर से स्विंग करने की काबिलियत इंग्लैंड के तेज ट्रैक पर टीम इंडिया के लिए कारगर साबित हो सकती है। इसके अलावा ईशांत शर्मा और धवल कुलकर्णी भी तेज गेंदबाजों की फेहरिस्त में शामिल हैं। जबकि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत ने बरिंदर सरन और ऋषि धवन को भी आजमाया था। जाहिर है तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट में भी कप्तान कोहली और कोच कुंबले के पास काफी विकल्प हैं। लिहाजा अगले वर्ल्ड कप से पहले दोनों के पास काफी समय है ये सोचने और समझने के लिए, कि कौन 3-4 गेंदबाज उनके फ्रंट लाइन गेंदबाज होंगे और किन गेंदबाजों को वो रोटेट करेंगे। कुल मिलाकर टीम इंडिया के पास लगभग 20 खिलाड़ियों का पूल हैं। जिनमें से कोहली को अपनी बेस्ट प्लेइंग इलेवन तैयार करनी है। अब भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी से पहले सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खलेनी है। कप्तान कोहली को इसी सीरीज में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कड़ी नजर रखनी होगी ताकि वो खिलाड़ियों का चुनाव ठीक तरह से कर सकें। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में दमदार प्रदर्शन का मतलब होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ 4 जून को बर्मिंघम में होने वनडे मैच के लिए टीम में अपनी जगह पक्की करना।