वेंकटेश प्रसाद ने उस मैच में 10 ओवरों में 45 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे। सही मायनों में मैच का रुख भारतीय टीम की तरफ उन्होंने ही मोड़ा जब खतरनाक दिख रहे आमिर सोहेल को आउट कर उन्होंने भारतीय टीम को पहली सफलता दिलाई। उस पहले उनके और आमिर सोहेल के बीच स्लेजिंग भी हुई थी। सोहेल ने वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर चौका लगाकर उनकी स्लेजिंग की और बल्ले से उनको बाउंड्री की तरफ इशारा किया कि अगली गेंद भी वो उसी दिशा में मारेंगे। लेकिन अगली ही गेंद पर वेंकटेश ने आमिर सोहेल को करारा जवाब दिया। उन्होंने अगली गेंद पर आमिर सोहेल को क्लीन बोल्ड कर ईंट का जवाब पत्थर से दिया। इसके बाद से मैच का रुख पलट गया और भारतीय टीम पाकिस्तान पर हावी हो गई और अंत में जीत हासिल की। जवागल श्रीनाथ के साथ उनकी जोड़ी काफी खतरनाक रही। क्रिकेट के सभी प्रारुपों को मिलाकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम 300 विकेट हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कई टीमों की कोचिंग की। 2006 में वो भारतीय अंडर-19 टीम के कोच बने। 2007 वर्ल्ड कप में भारत के पहले ही दौर से बाहर हो जाने के बाद उन्हें भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया। इस वक्त वो आईपीएल में आरसीबी के गेंदबाजी कोच हैं।