अजीत अगरकर भारत के बड़े ऑलराउंडरों में से एक थे। एक तरफ जहां वो मध्यम गति की तेज गेंदबाजी करते थे तो दूसरी तरफ उनकी बैटिंग भी काफी लाजवाब थी। लेकिन उनका क्रिकेटिंग करियर तब डंवाडोल होने लगा जब गेंदबाजी में वो ज्यादा खर्चीले साबित होने लगे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जब उन्होंने पर्दापण किया तो वे एकदम अलग तरह के गेंदबाज थे। उनके अंदर गजब की फुर्ती थी, गेंदबाजी में विविधिता थी और वो विस्फोटक बल्लेबाजी भी करते थे। 1998 में अगरकर ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था। भारतीय टीम की तरफ से एक दशक से भी ज्यादा समय तक खेलने के बाद वो घरेलू क्रिकेट लगातार खेलते रहे। 2013 में मुंबई के रणजी ट्रॉफी जीतने के बाद उन्होंने क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास ले लिया। क्रिकेट के बाद अगरकर ने गोल्फ में हाथ आजमाया और उसमें वो सफल भी रहे। हाल ही में उन्होंने बेंगलुरु में बीएमआर कार्पोरेट गोल्ड चैंपियनशिप जीता है।