उस मैच में मुरली कार्तिक को नाइटवाचमैन बनाकर भेजने की वजह से तेंदुलकर नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आए। तब से लेकर 2013 में संन्यास लेने तक सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड क्रिकेट पर राज किया। 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। अपने आखिरी मैच में सचिन ने 76 रनों की पारी खेली। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन अब सीधे तौर पर क्रिकेट से जुड़े हुए नहीं हैं। 2012 में वो राज्यसभा के सदस्य बने और 2016 रियो ओलंपिक का उन्हें ब्रांड ऐंबेस्डर बनाया गया। हालांकि सचिन कई नामी-गिरामी कंपनियों के लिए एड करते हैं और वो एक बड़े ब्रांड आईकॉन हैं। इसके अलावा इंडियन सुपर लीग की टीम केरला ब्लास्टर्स के वो सहमालिक भी हैं। 2014 में सचिन ने एमसीसी की तरफ से रेस्ट ऑफ वर्ल्ड टीम के खिलाफ मैच भी खेला। ये सचिन और शेन वॉर्न ही थे जिनकी कोशिशों की वजह से ऑल स्टार टूर्नामेंट का आयोजन हो पाया।