साल 1999 दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के लिए काफी अच्छा रहा। वर्ल्ड कप में वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। धीरे-धीरे द्रविड़ भारतीय बल्लेबाजी के मुख्य स्तंभ बन गए। बांग्लादेश के खिलाफ उस मैच में 61 रनों के मामूली से लक्ष्य का पीछा करते हुए द्रविड़ ने 41 रनों की पारी खेली थी। अगले एक दशक तक द्रविड़ भारतीय टीम की बल्लेबाजी की धुरी रहे। दबाव में बेहतर खेल दिखाने और दुनिया की खतरनाक से खतरनाक गेंदबाजी अटैक का सामना करने में राहुल द्रविड़ सक्षम थे। यही वजह रही कि उन्हें भारत का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज कहा जाता था। इसके अलावा नाजुक मौकों पर मैच जिताऊ पारियां खेलने के कारण उन्हें 'संकटमोचक' भी कहा जाता था। द्रविड़ कुछ समय तक भारतीय टीम के कप्तान भी रहे थे। इसके बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी और सिर्फ बल्लेबाज के रुप में खेलते रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद मार्च 2012 में द्रविड़ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वर्तमान में राहुल द्रविड़ इंडिया-ए और अंडर-19 टीम के कोच हैं। उनकी अगुवाई में हाल ही में भारतीय जूनियर टीम ने एशिया कप का खिताब जीता है।