कई स्पिनर आए और चले गए लेकिन कोई भी स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के साथ उतनी लंबी पार्टनरशिप नहीं कर पाया जितनी की मुरली कार्तिक ने की। मुरली कार्तिक काफी अच्छे स्पिनर थे, लेकिन कुंबले और हरभजन की वजह से उनकी टीम में नियमित जगह कभी नहीं बन पाई, खासकर सौरव गांगुली की कप्तानी में। बांग्लादेश के खिलाफ उस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में कार्तिक को बल्लेबाजी में प्रमोट कर नाइटवाचमैन बनाकर भेजा गया। कार्तिक ने कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए 43 रनों की उपयोगी पारी खेली। उन्होंने मैच में एक अहम विकेट भी चटकाया था। हालांकि इसके बाद से वो टीम की तरफ से मात्र 7 टेस्ट मैच और खेल सके। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वो लीग-20 मैच खेलते रहे। उन्होंने आईपीएल में कई टीमों की तरफ से मैच खेला। 2015 में मास्टर्स चैंपियंस लीग में कार्तिक ने विर्गो सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व किया। मुरली कार्तिक अब क्रिकेट कमेंटेटर हैं।