मोहम्मद अजहरुद्दीन ने पहली पारी में पाकिस्तान गेंदबाजों द्वारा किए गए हमलों से टीम को उबारा और वो सचिन के इंटरनेशनल लेवल पर पहले पार्टनर थे। पहली पारी में उन्होंने तेंदुलकर के साथ अच्छी साझेदारी की और 35 रन बनाए और दूसरी पारी में भी उन्होंने अच्छी पारी खेली। उसके बाद अजहरुद्दीन भारतीय टीम के सफल कप्तान बने और उनका बल्ले के साथ भी प्रदर्शन बेजोड़ रहा। हालांकि मैच फिक्सिंग में नाम आने के कारण उनका इंटरनेशनल क्रिकेट छोटा हो गया।
साल 2000 में उनका और साउथ अफ्रीका टीम के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोंजे के साथ मैच फिक्सिंग में नाम आया था। उसके बाद बीसीसीआई और आईसीसी ने उनके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।
साल 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजनल बेंच जिसमें जस्टिस आशुतोष मोहुंटा और कृष्ण मोहन रेड्डी शामिल थे। उन्होंने अजहर के ऊपर से सारे बैन हटा दिए।
2009 में वो इंडियन नेशनल कोंग्रेस की सीट से मोरदाबाद की सीट से चुनाव लड़े और वो 2014 तक सांसद रहे। हाल में उनके ऊपर एक फिल्म बनी जिसका नाम अजहर था और उस फिल्म में उनका किरदार निभाया इमरान हाशमी ने।