कपिल देव, जोकि भारतीय टीम को 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान थे और उन्हें सचिन के डैब्यू मैच में ऑल राउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। पहली पारी में उन्होंने 55 रन बनाए, तो मैच में उन्होंने 7 विकेट लिए। टेस्ट मैच में रिचर्ड हेडली के सबसे ज्यादा विकेट लेने के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद कपिल देव ने 1994 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उसके बाद भारत के सबसे सफलतम ऑल राउंडर को 1999 में नेशनल टीम का कोच बना दिया गया। हालांकि मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दें दिया था। कपिल देव ने उसके बाद हर चीज से दूरी बना ली और वो चर्चा में तब आए, जब 2002 में विज्डन ने उन्हें विज्डन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के लिए नोमिनेट किया। उसके बाद 2004 में भारत के पाकिस्तान दौरे से पहले हुए कैंप में उन्हें गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया। 2006 में उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी का 2 साल के लिए चेयरमैन बना दिया गया। इसके अलावा उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया, जिसमें इकबाल, दिल्लगी, यह दिल्लगी, चैन कुली की मैन कुली और मुझसे शादी करोगी शामिल थी। वो विवादों में घिरी रहने वाली इंडियन क्रिकेट लीग से भी जुड़े थे, जिससे उन्होंने 2012 में सारे नाते तोड़ दिया था। अब वो कमेंट्री करते नज़र आ रहे है।