विराट कोहली जन्मदिन स्पेशल- कोहली की कप्तानी में 5 सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय जीत

विराट कोहली ने 43 एकदिवसीय मैचों में भारतीय टीम की अगुवाई है, जिसमें टीम ने 33 मैचों में जीत का स्वाद चखा है जबकि उसे सिर्फ 9 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है। कोहली का कप्तानी में जीत प्रतिशत 78.57 है जो कम से कम 40 मैचों में कप्तानी कर चुके कप्तानों में सर्वश्रेष्ठ है। हालांकि, कोहली की कप्तानी के अभी शुरुआती दिन है और उन्हें अभी लम्बा सफर तय करना हैं। रिकी पोंटिंग, क्लाइव लॉयड, स्टीव वॉ जैसे कप्तानों ने अपने पूरे कप्तानी के दौरान इसी जीत प्रतिशत बरकरार रखा था। कोहली ने अपनी कप्तानी में अच्छी शुरुआत से बेहतर भविष्य के सपने दिखाने शुरू कर दिए हैं। कोहली आज 29 साल के हो चुके हैं और पूरा क्रिकेट जगत इस बल्लेबाज के जन्मदिन की खुशियां मना रहा है। इस मौके पर हम आपके सामने कोहली की कप्तानी में मिले 5 एकदिवसीय जीत के बारे में बताएंगे #5. भारत बनाम श्रीलंका, पांचवा मैच- रांची (2014) रांची के झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन अंतरराष्ट्रीय मैदान पर होने वाले सीरीज के अंतिम मैच में जीत भारतीय टीम का ध्यान जीत हासिल कर सीरीज क्लीन स्वीप करने का था। इससे पिछले वाले मैच में 264 रन बनाकर रोहित शर्मा ने श्रीलंकाई टीम की कमर पहले ही तोड़ दी थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने कप्तान एंजलो मैथ्यूज के 116 गेंदों पर 139 रनों की बेहतरीन पारी की मदद से बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पिच पर 286 रन बना दिये। उसके बाद कप्तान मैथ्यूज ने नई गेंद संभाली और भारतीय टीम को शुरुआती झटके भी दिये, जिससे बाद भारत का स्कोर 14/2 हो गया। चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आये कप्तान कोहली ने अम्बाती रायडू के साथ साझेदारी कर मैच भारत की तरफ मोड़ने की कोशिश की। लेकिन जब सबकुछ सही लग रहा था तभी रायडू रनआउट हो गए। लगातार खराब होती पिच पर कोहली संघर्ष करते रहे और अंत में शतक भी ठोका और टीम को जीत भी दिलाई। इससे साथ ही भारत ने सीरीज 5-0 से जीत ली और इतना ही नहीं ये तीनों प्रारूपों को मिलाकर भारत की श्रीलंका पर 100वीं जीत थी। #4. भारत बनाम इंग्लैंड, दूसरा मैच - कटक (2017) dcfb4-1509660738-800 कोहली और केदार जाधव की लाजवाब पारियों की मदद से भारत ने पुणे में हुए पहले मैच में जीत दर्ज की और अब टीम का पूरा ध्यान कटक में होने वाले मैच को जीतकर सीरीज अपने नाम करने पर था। लेकिन, पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के शुरुआती विकेट झटक क्रिस वोक्स ने तगड़ा झटका दिया। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर बड़ा स्कोर बनाने के भारतीय टीम के मंसूबे को गहरा झटका लगा और सिर्फ 25 रनों तक पहुंचते-पहुंचते चोटी के तीन बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। लेकिन, उसके बाद जो हुआ शायद किसी ने नहीं सोचा था। युवी और धोनी ने ना सिर्फ भारतीय पारी को संभाला बल्कि विपक्षी टीम पर दबाव भी बनाया। दोनों ही बल्लेबाजों ने कई मौकों पर ऐसी साझेदारी निभाकर भारतीय टीम को मुश्किल से निकाला था, इस मैच में भी वैसा ही हुआ। युवराज सिंह ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली और ताबड़तोड़ 150 रन बनाकर आउट हुए। धोनी ने भी अपना दसवां एकदिवसीय शतक पूरा किया और भारत के स्कोर को 381 तक पहुंचा दिया। इंग्लैंड की टीम लक्ष्य के पास तो पहुंची पर रविचन्द्रन अश्विन और भुवनेश्वर की सटीक गेंदबाजी की वजह से जीत हासिल नहीं कर पाई और भारत ने सीरीज अपने नाम कर लिया। #3. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका- चैंपियंस ट्रॉफी, ओवल (2017) 2f916-1509660849-800 चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल कर भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा आगाज किया लेकिन भारत की उम्मीदों को तब गहरा झटका लगा जब उसे श्रीलंका की टीम से हार झेलनी पड़ी और इसकी उम्मीद कोई नहीं कर रहा था। इसके बाद भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से था और दोनों ही टीमों के लिए यह करो या मरो वाला मुकाबला था। लक्ष्य का पीछा करने के दबाव में कई बार दक्षिण अफ्रीका की टीम बिखर जाती है फिर भी कोहली ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया। हालांकि जब हाशिम अमला और डिकॉक पिच पर टिक गए तो कोहली का यह फैसला गलत लगने लगा। लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे भारतीय गेंदबाजों ने रन बनाना मुश्किल कर दिया और इससे दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी दबाव में आ गयी। दबाव में पारी संभालने की जगह दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज तेजी से रन बनाने के चक्कर में अपना विकेट फेंकते चले गए और इसी बीच डीविलियर्स और मिलर रनआउट भी हो गए। कोहली की आक्रामक कप्तानी ने विपक्षी टीम को उबरने का मौका नहीं दिया और पूरी टीम 191 पर पवेलियन लौट गई। भारतीय बल्लेबाजों ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर टीम को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया। जिसके बाद भारतीय टीम को फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों हार झेलनी पड़ी लेकिन इस मुकाबले में भारतीय टीम ने मजबूत दक्षिण अफ्रीका को जैसे बौना साबित किया वह काफी रोचक था। #2. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, पहला मैच- चेन्नई (2017) india-australia-1st-odi-in-chennai_744e73a2-9bcf-11e7-bef3-183dfba5e438 ऑस्ट्रेलियाई टीम जब भारत के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए भारत आई तो आगामी एशेज सीरीज की वजह से उसे ऑस्ट्रेलिया में खास तवज्जो नहीं दी गई। लेकिन भारत के लोग इस सीरीज का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे क्योंकि यह बॉर्डर-गावस्कर सीरीज वर्तमान की दो सर्वश्रेष्ठ टीम के बीच होने वाला था। बादलों से घिरे चेपक स्टेडियम पर ऑस्ट्रेलिया की टीम ने दौरे की शुरुआत काफी अच्छी तरह की और नाथन कुल्टर नाइल की झटकों की वजह से भारत का स्कोर 87/5 हो गया और टीम पर खतरों के बादल मंडराने लगे। उसके बाद बल्लेबाज करने आये हार्दिक पांड्या ने धोनी के साथ मिलकर पहले दबाव कम किया और फिर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर टूट पड़े। पांड्या ने लेग स्पिनर एडम जम्पा को खास निशाना बनाया और उनकी गेंदों पर 3 लगातार छक्के जड़े। पांड्या और धोनी की बहुमूल्य पारियों की मदद से भारत ने 281 रन बनाये। बारिश की वजह से ऑस्ट्रेलिया को डकवर्थ लुईस नियम के तहत 21 ओवरों में 164 का लक्ष्य मिला, जिसे भारतीय गेंदबाजों ने हासिल नहीं करने दिया। #1. भारत बनाम न्यूजीलैंड, तीसरा मैच - कानपुर (2017) 0e701-1509660994-800 भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर न्यूज़ीलैंड के हाथों कभी द्विपक्षीय एकदिवसीय या टीम सीरीज नहीं हारी है लेकिन इस बार भारतीय टीम की इज्जत दांव पर लगी थी। दोनों टीम सीरीज का निर्णायक मुकाबला खेलने कानपुर के मैदान पर उतरी। न्यूज़ीलैंड की टीम ने इस दबाव भरे मुकाबले में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल इस पिच पर रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली ने शतक जमाये और दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 230 रनों की साझेदारी भी बनाई। इन पारियों की मदद से भारत का स्कोर 337 रनों तक पहुंच गया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी कीवी टीम शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाजों पर टूट पड़ी और तेजी से रन बनाने लगी। आधे समय तक न्यूज़ीलैंड की पारी पटरी पर दिख रही थी और उनका स्कोर 153/1 था लेकिन उसके बाद युजवेंद्र चहल ने कोलिन मुनरो और कप्तान विलियमसन का विकेट झटक भारत को मैच में वापस ला दिया। उसके बाद भी मध्यक्रम के बल्लेबाजों के छोटे-छोटे योगदान से न्यूज़ीलैंड की पारी पटरी पर लौट आयी लेकिन अंतिम ओवरों में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की सटीक गेंदबाजी की बदौलत भारत ने सीरीज अपने नाम कर लिया। लेखक- राम कुमार अनुवादक- ऋषिकेश सिंह