INDvNZ: पुणे में कोहली एंड कंपनी को करो या मरो के मुक़ाबले में करना होगा पलटवार

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 3 मैचों की वनडे सीरीज़ के पहले मुक़ाबले में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। इस हार ने जहां कोहली एंड कंपनी को आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर-1 से खिसका दिया है तो अपने ही घर में सीरीज़ हारने का ख़तरा भी बढ़ा दिया है। एक के बाद सीरीज़ में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज करने वाली टीम इंडिया और उनके फ़ैन्स ने शायद ही कभी सोचा होगा कि आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर-5 पर काबिज़ कीवियों से अपने ही घर में भारत पर सीरीज़ में हार का संकट आ जाएगा। बहरहाल, मुंबई के बाद अब कारवां आ पहुंचा है पुणे, जहां बुधवार को दूसरा वनडे खेला जाना है। भारत के लिए ये करो या मरो का मुक़ाबला होगा, तो वहीं न्यूज़ीलैंड के पास पुणे में जीत हासिल कर इतिहास रचने का मौक़ा होगा। टॉप और मिडिल ऑर्डर पर रहेगा दबाव मुंबई में टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फ़्लॉप रहा था, विराट कोहली के 121 रनों के बाद दिनेश कार्तिक ने सबसे ज़्यादा 37 रन बनाए थे। ऐसा नहीं है कि रोहित शर्मा, शिखर धवन या महेंद्र सिंह धोनी फ़ॉर्म में नहीं हैं, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इन बल्लेबाज़ों ने कमाल का प्रदर्शन किया था। उम्मीद है कि कल इस अहम और करो या मरो के दबाव भरे मुक़ाबले में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ अपने पुराने रंग में लौटेंगे, जो ज़रूरी भी है। नंबर-4 पर मंथन जारी युवराज सिंह और सुरेश रैना को बाहर बैठाकर, टीम मैनेजमेंट लगातार उनकी ख़ाली जगह यानी नंबर-4 को भरने के लिए प्रयोग कर रही है। कभी हार्दिक पांड्या, तो कभी मनीष पांडे और केएल राहुल सभी को इस नंबर पर कई मौक़े दिए जा चुके हैं। पिछले मैच में एक बार फिर केदार जाधव को भी आज़माया गया था, लेकिन वह फ़्लॉप रहे। उम्मीद है कि पुणे में भी ये प्रयोग जारी रहेगा, और अगर इस बार दिनेश कार्तिक को नंबर-4 पर लाया गया तो हैरानी नहीं होगी। हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी इस क्रम के लिए फ़िट साबित हो सकते हैं। जहां से धोनी के पास पूरा समय होगा कि पिच और परिस्थिति को समझते हुए फिर अपने चिर परिचित अंदाज़ में बड़ी बड़ी हिट लगाई जाए। बोल्ट और साउदी से होशियार अभ्यास मैचों से लेकर पहले वनडे में भी न्यूज़ीलैंड के लिए जो अच्छी चीज़ रही, वह था उनके दो तेज़ गेंदबाज़ों का शानदार फ़ॉर्म। ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी दोनों ही लय में गेंदबाज़ी कर रहे हैं और विकेट भी झटक रहे हैं। आख़िरी अभ्यास मैच में बोल्ट ने 5 विकेट झटके थे और मुंबई में खेले गए पहले वनडे में भी बोल्ट का वही जादू नज़र आया, और उन्होंने 4 भारतीय बल्लेबाज़ों को पैवेलियन की राह दिखाई। साउदी हालांकि मंहगे साबित ज़रूर हुए, पर उन्होंने भी अहम मौक़ों पर 3 विकेट अपनी झोली में डाले। लिहाज़ा टीम इंडिया को इस पेस बैट्री से बचकर रहना होगा और साथ ही कीवियो के टॉप-5 बल्लेबाज़ों पर भी नज़र रखनी होगी। जिनमें टॉम लैथम और रॉस टेलर का भारतीय गेंदबाज़ों से प्रेम तो मुंबई में हमें दिख ही गया, ठीक इसी तरह मार्टिन गप्टिल, केन विलियमसन और कॉलिन मुनरो भी लय में रहे तो फिर उन्हें रोकना मुश्किल हो सकता है। पुणे की पिच का पेंच क्रिकेट को जिस तरह अनिश्चित्ताओं का खेल कहा जाता है, कुछ इसी तरह पुणे की पिच भी है। अब तक इस मैदान पर 1 टेस्ट, 2 वनडे और 2 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले हुए हैं। और तीनों ही फ़ॉर्मेट में पिच का मिज़ाज अलग अलग रहा है। अब तक खेले गए दो वनडे की 4 में से 3 पारियों में 300 से ज़्यादा रन बने हैं, जहां भारत ने इस मैदान पर खेले आख़िरी वनडे में तो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पीछा करते हुए 356 रन बना डाले थे। उस लिहाज़ से आप कहेंगे कि पिच बल्लेबाज़ों के माक़ूल है। लेकिन ज़रा ठहरिए, पुणे की इसी पिच पर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ढाई दिन में ही टेस्ट मैच ख़त्म हो गया था। स्टीव ओ कीफ़ ने मैच में एक दर्जन विकेट बटोरते हुए भारत को 333 रनों के विशाल अंतर से शिकस्त दी थी। इतना ही नहीं पुणे के इसी मैदान पर अब तक खेले गए दो टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में एक टीम का अधिकतम स्कोर 158 से आगे नहीं गया है, जबकि श्रीलंका के ख़िलाफ़ तो भारतीय टीम 2016 में 105 रनों पर ढेर हो गई थी। हालांकि पिच क्यूरेटर की मानें तो इस बार पिच पूरी तरह से बल्लेबाज़ों के लिए आदर्श होगी, जहां एक बार फिर वनडे में बड़ा स्कोर देखने को मिल सकता है। मौसम का मिज़ाज क्रिकेट में पिच के बाद मौसम पर भी सभी की निगाहें रहती है, मैच की पररिस्थतियां मौसम के मिज़ाज पर बहुत हद तक निर्भर करती हैं। पुणे में सोमवार को तो काफ़ी बारिश हुई थी, लेकिन उसके बाद लगातार धूप खिली हुई है। अच्छी बात ये है कि बुधवार यानी मैच वाले दिन भी बारिश की संभावना कम है और मौसम वैज्ञानिक ने धूप की भविष्यवाणी की है।