भारत और श्रीलंका के बीच 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला मुक़ाबला गुरुवार से कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस पर शुरू होने जा रहा है। 3 टेस्ट मैचों के अलावा इन दोनों देशों के बीच 3 वनडे और 3 टी20 की सीरीज़ भी खेली जाएगी। फ़िलहाल सभी की नज़रे सफ़ेद लिवास और लाल गेंद में होने वाले इस मैच पर टिकी हुई हैं, जहां टेस्ट की बेस्ट टीम अपनी छाप छोड़ने के लिए फिर बेक़रार है। तो परिवर्तन काल से गुज़र रही मेहमान श्रीलंकाई टीम भारतीय सरज़मीं पर इतिहास रचने का सपना लेकर आई है।
क़ागज़ से लेकर मैदान तक में कोहली एंड कंपनी है बेस्ट टेस्ट मैच शुरू होने से पहले ही क्रिकेट पंडितों ने इस सीरीज़ को भारत के नाम कर दिया है। इसकी वजह है टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की बादशाहत, पिछले 27 टेस्ट मैचों में से भारत ने 20 में जीत दर्ज की है और सिर्फ़ दो में हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि इन दो मैचों में से एक में श्रीलंका ने ही भारत को अपने घर में शिकस्त दी थी, लेकिन हाल ही में टीम इंडिया ने श्रीलंका को उन्हीं की सरज़मीं में 3-0 से टेस्ट में हराया था। इसके बाद वनडे में 5-0 और एकमात्र टी20 में भी श्रीलंका का सफ़ाया कर दिया था। हालांकि उसके बाद UAE दौरे पर श्रीलंका ने पाकिस्तान को 2-0 से टेस्ट सीरीज़ में मात दी थी और उसी लय को भारत में भी बरक़रार रखने के इरादे से ये टीम आई है। पर आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि भारतीय ज़मीन पर श्रीलंका ने आजतक कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है, और इस युवा टीम के साथ टेस्ट की बेस्ट टीम को हराना बेहद मुश्किल है। यही वजह है कि इस सीरीज़ को क्रिकेट जानकार भारत के लिए आसान बता रहे हैं। पर जैसा सभी जानते हैं कि क्रिकेट अनिश्चित्ताओं का खेल है और आंकड़ों का मैदान और परिस्थिति के साथ कोई लेना देना नहीं होता।
शिखर धवन और मुरली विजय में से किसी एक के ही खेलने की संभावना विराट कोहली के लिए कोलकाता की प्लेइंग-11 चुनना बेहद कठिन फ़ैसला होगा। मुरली विजय की वापसी और शिखर धवन का लाजवाब फ़ॉर्म टीम मैनेजमेंट के लिए दिमाग़ी कसरत कराने के लिए काफ़ी है। ये तो ज़ाहिर है कि पिछले 7 मैचों में लगातार अर्धशतक बनाने वाले सलामी बल्लेबाज़ के एल राहुल की जगह पक्की है। अब उनके साथ देने शिखर धवन आते हैं या फिर चोट से मुरली विजय ? ये सवाल कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री के ज़ेहन में भी है, इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ सालों से मुरली विजय टीम इंडिया के लिए बेहतरीन सलामी बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। लेकिन श्रीलंकाई दौरे पर उनकी अनुपस्थिति ने शिखर धवन को एक मौक़ा दिया था, जिसका धवन ने बेहतरीन फ़ायदा उठाते हुए दो शतक जड़ डाले थे और उसके बाद से वह लगातार रन बना रहे हैं। ऐसे में मुरली विजय के आने के बाद उन्हें बाहर बैठाना कोहली के लिए आसान फ़ैसला नहीं होगा।
श्रीलंकाई त्रिमूर्ति भारत को दे सकती है कड़ी चुनौती बुरे दौर से गुज़र रही श्रीलंकाई टीम के लिए इस दौरे पर अगर कुछ सकारात्मक है तो वह है रंगना हेराथ और एंजेलो मैथ्यूज़ का अनुभव और साथ ही साथ युवा सलामी बल्लेबाज़ दिमुथ करुनारत्ने। हेराथ अपने स्पिन और वैरिएशन से भारतीय बल्लेबाज़ों को चकमा दे सकते हैं, हालांकि भारत के ख़िलाफ़ उनका प्रदर्शन बेहद साधारण रहा है। हेराथ की गेंदबाज़ी औसत भारत के ख़िलाफ़ 9 टेस्ट मैचों में 45.97 की है। लेकिन फिर भी अगर पिच से स्पिन गेंदबाज़ों को मदद मिली तो इसका फ़ायदा हेराथ बख़ूबी उठा सकते हैं। तो एंजेलो मैथ्यूज़ जो इस सीरीज़ में सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ के तौर पर खेल रहे हैं, उनका अनुभव श्रीलंका के लिए बेहद काम आएगा। इन दोनों के अलावा अगर भारत को किसी और से होशियार रहना है तो वह हैं दिमुथ करुनारत्ने, जो इस साल लाजवाब लय में हैं। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ श्रीलंका की टेस्ट सीरीज़ जीत में इस बल्लेबाज़ की भूमिका अहम थी, जहां उन्होंने 196 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली थी, तो भारत के ख़िलाफ़ भी करुनारत्ने की 141 रनों की आकर्षक पारी भी सभी को याद है।
कोलकाता में प्रोटियाज़ जैसी पिच मैच भारत में खेला जा रहा है, लेकिन कोलकाता की ये पिच आमूमन भारतीय पिचों से थोड़ा अलग है। सौरव गांगुली ने इस पिच को एक बेहतरीन स्पोर्टिंग विकेट क़रार दिया है और पिच पर काफ़ी घास भी है। लिहाज़ा दक्षिण अफ़्रीका दौरे से पहले ही टीम इंडिया को घर में ही प्रोटियाज़ जैसा माहौल मिल सकता है। पिच को देखने के बाद टीम इंडिया अगर इस मैच में 3 तेज़ गेंदबाज़ों के साथ जाए तो हैरानी नहीं होगी। हार्दिक पांड्या की ग़ैरमौजूदगी में तीसरे तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार हो सकते हैं, जबकि उमेश यादव और मोहम्मद शमी का भी खेलना तय माना जा रहा है।
अगर ऐसा हुआ तो टीम इंडिया रोहित शर्मा को बाहर बैठा सकती है और नंबर-6 पर आर अश्विन खेल सकते हैं। स्पिन गेंदबाज़ी में भी आर अश्विन का साथ देने के लिए रविंद्र जडेजा का खेलना तय है, उम्मीद यही है कि कोहली इस मैच में 3 तेज़ गेंदबाज़ और 2 स्पिनर के साथ उतरेंगे जहां अश्विन और जडेजा को बल्लेबाज़ी में भी जौहर दिखाने होंगे, तो भुवनेश्वर कुमार भी निचले क्रम में उपयोगी रन बनाने की क्षमता रखते हैं।
ईडन गार्डंस पर इस तरह बन सकते हैं कई इतिहास कोलकाता का ईडन गार्डंस कई ऐतिहासिक मैचों का गवाह रहा है और एक बार फिर गुरुवार से शुरू हो रहे भारत-श्रीलंका टेस्ट में भी कई इतिहास बन सकते हैं। आर अश्विन टेस्ट इतिहास में सबसे तेज़ 300 विकेट लेने से सिर्फ़ 8 विकेट दूर खड़े हैं, तो के एल राहुल पिछले 7 मैचों में लगातार अर्धशतक बनाते चले आ रहे हैं। फ़िलहाल वह संयुक्त रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी पर खड़े हैं, लेकिन इस टेस्ट में अगर उनके बल्ले से एक और 50 या उससे ज़्यादा रन आ गए। तो लगातार 8 पारियों में 50 या उससे ज़्यादा रन बनाने वाले वह दुनिया के पहले बल्लेबाज़ बन जाएंगे। तो वहीं श्रीलंका के युवा सलामी बल्लेबाज़ दिमुथ करुनारत्ने इस साल टेस्ट में 1000 रन बनाने से सिर्फ़ 60 रन दूर हैं, अगर वह 60 रन और बना लेते हैं तो वह श्रीलंका के सिर्फ़ दूसरे सलामी बल्लेबाज़ होंगे जिन्होंने एक कैलेंडर साल में 1000 टेस्ट रन बनाए हों। इससे पहले सनथ जयासूर्या (1997 और 2004) ने ये कारनामा दो बार किया है।
टीम इंडिया की संभावित प्लेइंग-XI कोलकाता की पिच और माहौल को देखते हुए कोहली के लिए आख़िरी 11 खिलाड़ियों का चयन एक कठिन फ़ैसला हो सकता है। हालांकि, जिन संभावित-11 के इस टेस्ट में उतरने की उम्मीद है वह इस तरह हैं।
के एल राहुल, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन, ऋद्धिमान साहा, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, मोहमम्मद शमी और उमेश यादव