पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) एक बार फिर विवादों के बीच आ गया है। इस बार टीम के मुख्य चयनकर्ता इंजमाम-उल-हक को 1 करोड़ रूपये पुरस्कार स्वरुप देने की वजह से यह विवाद खड़ा हुआ है। इंजमाम को यह पुरस्कार चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के विजेता बनने पर दिया गया है। पूर्व मुख्य चयनकर्ता इकबाल कसिम ने पीटीआई से कहा "मुख्य चयनकर्ता को इतना बड़ा इनाम देने का कोई मतलब ही नहीं बनता है जबकि कोच और अन्य टीम स्टाफ को 50 लाख रूपये का ही इनाम मिला है। ऐसा क्यों किया गया?" पिछले महीने समाप्त हुए चैंपियंस ट्रॉफी में सभी को चौंकते हुए पाकिस्तान ने फाइनल मुकाबले में भारत को 180 रनों से हरा कर पहली बार ख़िताब अपने नाम किया था। स्वदेश वापसी के बाद प्रधानमंत्री द्वारा टीम के लिए आयोजित रिसेप्शन में अन्य चयनकर्ताओं तौसीफ अहमद, वसीम हैदर और वजाहतुल्लाह वास्ती को 10 लाख रूपये दिए गए थे और अब इंजमाम को 1 करोड़ मिलने पर विवाद का माहौल बन गया है। पूर्व कोच और मुख्य चयनकर्ता मोहसिन हसन खान ने कहा कि अधिकारियों का यह फैसला हैरान करने वाला है क्योंकि इंजमाम टीम के साथ इंग्लैंड भी नहीं गये थे, जबकि कोच और उनके सहायक टीम का बहुत हिस्सा होते हैं, इसलिए इस पुरस्कार में यह बड़ा अंतर उचित नहीं है। उनका मानना है कि इन पैसों का उपयोग जमीनी स्तर पर किसी अन्य कार्यों में किया जा सकता है। इंजमाम ने खुद अधिकारियों से कहा था कि पाकिस्तान टीम के अधिकारियों के पुरस्कार राशि को कम करके उसे चयन समिति के अन्य सदस्यों के बीच बांटा जाये। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इंजमाम अपने दूसरे सदस्यों को कैसे समझाएंगे क्योंकि उनके और बाकियों के इनामी राशी में बहुत बड़ा अंतर है। पाकिस्तान को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब सभी एक ही काम कर रहे हैं तो इनामी राशी में इतना बड़ा अंतर क्यों?